Sakar Murli Churnings 21-02-2019

Sakar Murli Churnings 21-02-2019

देह भान से उत्पन होते हैं विकार जो दुःख देते हैं, और आत्म-अभीमानी बनने से स्वतः दिव्यगुण जागृत हो हम सुखदाई बनते… इसलिए आम-अभीमानी बनने लिए:

  1. अशरीरी-पन का अभ्यास (पार्ट पूरा होते ही शरीर रूपी वस्त्र से न्यारा होना)
  2. आत्मिक दृष्टि का अभ्यास (आत्मा भाई से बात करे), और
  3. बाबा को बहुत प्यार से याद करते रहे

यही पुरूषार्थ है विश्व के मालिक बनने का… ऎसे ज्ञानी योगी बच्चों की कशिश होगी, वह सभी को आप समान बनाते रहेंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सिर्फ एक आत्म-अभीमानी बनने का पाठ पक्का कर, सभी कमज़ोरी से मुक्त दिव्यगुण सम्पन्न खुशियों से भरपूर बन जाएँ… औरों को भी यह शुध्द vibrations द्वारा खुशी बांटते रहे, खुशियों की दुनिया सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 20-02-2019

Sakar Murli Churnings 20-02-2019

सतगुरू बाबा आए हैं, हमें वापिस घर ले चल, नई सुख-शान्ति की राजधानी में ले चलने… इसलिए पावन जरूर बनना है, और दैवीगुण धारण करने है, बहुत मीठा प्यारा बनना है, खुशी में रहना है… इस wonderful ड्रामा को साक्षी हो देख, अपने पुरूषार्थ को तीव्र गति में ले जाना है… हम शिव शक्ति सेना है, बाबा नें हमें ज्ञान का कलश दिया है, तो सबको ज्ञान अमृत जरूर पिलाना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… कल्प बाद मिले हुए प्यार के सागर बाबा को याद कर, उनकी शक्तियों से सम्पन्न बन बहुत खुशी में रहे… और सब को भी ऎसे श्रेष्ठ बनाते रहे, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 19-02-2019

Sakar Murli Churnings 19-02-2019

जिसे भक्ति में इतना याद करते थे, उस परमात्मा ने आकर हमें सम्पूर्ण ज्ञान दे दिया है, कैसे हम सतोप्रधान पावन पूज्य थेे, अब फिर बनना है… तो ऎसे बाबा की ‘the best’ पढ़ाई में पूरा लग जाना चाहिए, पास होने के लिए श्रीमत पर जरूर चलना है… अपने को आत्मा समझ बाबा के संग रहना है, तो कट उतर जाएंगी, बहुत खुशी में रहेंगे और हम सर्वगुण सम्पन्न देवता बन जाएँगे… औरों को भी बनाते रहेंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के संग में रह, उसके ज्ञान गुण शक्तियों के रंग में रंगे रहें… औरों को भी रंगते रहे, साथ मिलकर सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | Remaining set on the seat of self-respect | स्वमान-धारी रहना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

योग कमेंटरी | Remaining set on the seat of self-respect | स्वमान-धारी रहना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

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Sakar Murli Churnings 18-02-2019

Sakar Murli Churnings 18-02-2019

इस संगमयुग पर ही हमें सत्य ज्ञान मिलता है परमात्मा द्वारा, तो अपने को आत्मा समझ स्वदर्शन चक्रधारी बनना है… घर गृहस्थ में रहते, सभी जिम्मेवारीयां निभाते, सिर्फ बाप और घर को याद करने की मेहनत करनी है, मायाजीत बनना है… तो बहुत खुशी में रहेंगे, लाइट हाउस बन सबकी सेवा करते रहेंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… स्वदर्शन चक्रधारी बन बाबा को बहुत प्यार से याद करते रहे, तो हमारी स्थिति बहुत खुशनुमा श्रेष्ठ रहेगी… औरों को भी श्रेष्ठ स्थिति बनाने का रास्ता देते रहेंगे, और हम सभी साथ मिलकर सतयुग बना लेंगे… ओम् शान्ति!

Remaining in Self Respect always| स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

Remaining in Self Respect always | स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019 image

Remaining in Self Respect always | स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

1. वैसे तो हम सभी परमात्म प्यार के पात्र स्वमान की सीट पर सेट हैं, लेकिन कोई एकाग्रता सेेे सेट है, कोई बार-बार अपसेट होते हैं… बाबा भी हमें एकाग्र-चित्त देखना चाहते, हम भी एकरस रहना चाहते… इसके लिए सिर्फ़ attention रखना है, हमें बाबा ने कितने स्वमान दिए हैं:

  • हम बाबा की पहली रचना, direct नम्बरवन सन्तान है
  • हम परमात्म दिल-तख्त-नशीन, लाइट के ताज-धारी, श्रेष्ठ स्मृति (हम कौन है, हमारा स्वमान क्या है) के तिलक-धारी है
  • हम ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता है
  • हम विशेष पूर्वज, पूज्य, आधार-मूर्त, उद्धार-मूर्त उदाहरण-मूर्त आत्माएं हैं
  • हम बालक सो मालिक है, सर्व अविनाशी बेहद अनगिनत अख़ुत खजानों के मालिक हैं
  • हम मास्टर सर्वशक्तिमान है

जब इस स्वमान की शान को भूलते हैं, तब ही देह-भान देह-अभिमान से परेशान अपसेट होते हैं… इसलिए knowledgeful के साथ-साथ powerful भी बनना है

2. अभी स्वमान की सीट पर सदा सेट रहना है, इस सदा शब्द को प्रैक्टिकल लाइफ में underline करना है… करना चाहते हैं करेंगे नहीं, करना ही है!

3. मेरा बाबा कहना अर्थात शिवबाबा के साथी बनकर जाना (बाराती नहीं!), और ब्रह्मा बाबा के साथ आदि में आना… प्यार की निशानी वा सबूत ही है श्रीमत का हाथ पकड़कर साथ रहना, साथ चलना, साथ आना… इस वायदे को याद रख, निभाने में ही फायदा है

4. जीतना स्वमान में रहते, समय का महत्व realize होता… यह महान संगमयुग बहुत छोटा सा युग है, जिसमें सारे कल्प के भाग्य केे बीज बोए जाते हैं… हमारे शरीर का विनाश कभी भी हो सकता है, इसलिए अलबेलापन छोड़ अलर्ट, होशियार, खबरदार, ever-ready रहना है… पाना था सो पा लिया, इसी नशे में रहना है!

5. मेरा बाबा कहा अर्थात विश्व कल्याण के जिम्मेवारी के लाइट का ताज मिलना (हमारा प्रभाव सब पर पड़ता है)… तो अभी डबल सेवा करनी है, एक ही समय स्वयं और विश्व दोनों की सेवा साथ-साथ… सारे विश्व में सुख-शान्ति की किरणें फैलानी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के दिए हुए भिन्न-भिन्न स्वमानों को स्मृति में रख सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित रह, डबल सेवा करते रहे… तो समय के महत्व को realize कर, सर्व खजा़नों से सम्पन्न ever-ready रहेंगे… जिससे हम बहुत ही जल्दी सबको दुःखों से लिबरेट कर सतयुग की स्थापना सम्पन्न कर लेंगे… ओम् शान्ति!

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योग कमेंटरी | मैं शिव शक्ति हूँ | I’m a Shiv Shakti

योग कमेंटरी | मैं शिव शक्ति हूँ | I’m a Shiv Shakti

मैं शिव शक्ति हूँ… सदा शिव से combined… शक्ति स्वरूपा हूँ

मैं अष्ट शक्ति सम्पन्न माँ दुर्गा हूँ… पुराने संस्कार को भस्म करने वाली माँ काली हूँ… सदा सन्तुष्ट रहने वाली माँ संतोषी हूँ

मैं ज्ञान-वीणा वादीनी माँ सरस्वती हूँ… पवित्र श्वेत-वस्त्र धारिणी… गुण-ग्राही हंस-वाहिनी हूँ

मैं सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली माँ अम्बा हूँ… सब को ज्ञान गुण शक्तियों का सहयोग देने वाली महा-लक्ष्मी हूँ… सबकी पालना करने वाली जगत माता हूँ

सबको आप समान बनाना है… परमात्मा से जुड़ाकर… उन्हें भी सर्व-प्राप्ति सम्पन्न करना है… ओम् शान्ति!

गीत: शिव शक्तियां आ गई…


और योग कमेंटरी:

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Becoming full of self respect | सहज स्वमान-धारी कैसे बने | Avyakt Murli Churnings 17-02-2019

Becoming full of self respect | सहज स्वमान-धारी कैसे बने | Avyakt Murli Churnings 17-02-2019

1. बाबा ने हमें सर्व खज़ानों का अधिकारी बनाया है, ज्ञान स्वरूप बना दिया है, भविष्य सुख-शान्ति-सम्पत्ति की guarantee दे दी है… तो चेक करना है, कहाँ तक हमने अपने में शक्ति और खुशी धारण की है, कितना लगन में मगन रहते हैं

2. हम श्रेष्ठ पवित्र आत्माएं, सर्व प्राप्ति सम्पन्न है, बेफिक्र बादशाह, दिव्य श्रूंगारों से सम्पन्न है… नौलखा हार से भी श्रेष्ठ है बाबा के गले का हार बनना, बाबा के सिरताज बनने के आगे बह ताज कुछ नहीं, ब्रह्मा भोजन का एक कणा 36 प्रकार के भोजन से भी श्रेष्ठ है… इन्हीं श्रेष्ठ स्वमानों के नशे में रहना है

3. स्वराज्य अधिकारी अर्थात शक्तिशाली, तो रोज चेक करना है, हमारी एक एक कर्मेंद्री (आँख, कान, मुख, आदि) हमारे अनुसार चली, बल्कि हर कर्म करने से पहले सोच-समझ कर करना है

4. आत्म-अभीमानी बनने के अनुभव से स्वतः परमात्म प्राप्तियों का अनुभव होगा… बस, दो बातें आत्मा और परमात्मा के अनुभव की अथॉरिटी बनो, तो spiritual जज बन सबको जन्म-जन्म के दुख छुड़ाने के निमित्त बन जाएंगे

5. गुजरात की विशेषता है, ज्ञान की खुशी का रास करना, लगन में मगन रहने की रास करना… राजस्थान है स्वराज्य अधिकारी राजाओं का स्थान… कर्नाटक ने विस्तार अच्छा किया है, तो अभी मन के विस्तार को समेटकर सार-स्वरूप बनना है (मक्खन जैसे)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा भिन्न-भिन्न स्वमानों के अभ्यास द्वारा श्रेष्ठ स्थिति में रहे… औरों को भी सम्मान देते हुए उन्हें श्रेष्ठ स्थिति में लाते, साथ मिलकर सतयुग बनाते चले … ओम् शान्ति!

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योग कमेंटरी | मैं दिव्य दर्शनीय मूर्त आत्मा हूँ | I’m a divine idol of beauty

योग कमेंटरी | मैं दिव्य दर्शनीय मूर्त आत्मा हूँ | I'm a divine idol of beauty image

योग कमेंटरी | मैं दिव्य दर्शनीय मूर्त आत्मा हूँ | I’m a divine idol of beauty

मैं दिव्य दर्शनीय मूर्त आत्मा हूँ… दिव्य श्रृंगारों से सम्पन्न… सुशोभित

स्वयं भगवान ने मुझे दिव्यगुणों से सजाया है… रूहानी साजन बनकर

मेरे मस्तक पर आत्मिक स्मृति का तिलक है… गले में गुणों की माला है… चारों ओर गुणों की खुशबू फैल रही है

मेरे चेहरे पर हर्षितमुखता की लाली है… रूहानी मुस्कान है… अलौकिक सूरत है

मैं बहुत सुन्दर आत्मा हूँ… सम्पूर्ण पवित्र… सर्वगुण सम्पन्न हूँ

मेरे हाथों में परमात्म प्रेम की अंगूठी है… ईश्वरीय मर्यादाओं का कंगन है… हर कदम में पद्मों की कमाई है

मेरे चारों ओर पवित्रता का आभामण्डल है… मैं साक्षात्कार मूर्त आत्मा हूँ

सिर पर विश्व कल्याण का ताज है… मैं डबल ताजधारी हूँ… अभी सो भविष्य में… ओम् शान्ति!

गीत: जगमग हो जगमग हो सतयुग का तेज…


और योग कमेंटरी:

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Sakar Murli Churnings 16-02-2019

Sakar Murli Churnings 16-02-2019

यह wonderful ड्रामा है, जो बिल्कुल accurate चल रहा है, इसलिए किसी भी बात में रोना रुसना नहीं है… सिर्फ़ यही ध्यान रखना है कि श्रीमत पर चल हमें ज्ञान को accurate perfect (ज्यों का त्यों) धारण कर साक्षी रहना है… योग द्वारा सतोप्रधान धारणा-मूर्त बनना है… तो सेवा भी अपने आप होती रहेंगी, आगे हम सेवा में बहुत busy रहेंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… ड्रामा को यथार्थ रीति समझ निश्चिंत रह, बाबा की याद में तीव्र दौड़ी लगाए… और खुद भी सर्व दैवी-गुण सम्पन्न बन जाएँ, औरों को भी बनाएं, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!