योग कमेंटरी | न्यारा-प्यारा बनने

योग कमेंटरी | न्यारा-प्यारा बनने

सभी आत्माएं हैं… बाबा के बच्चें है… उनको शुभ भावना देता हूँ

मुझे अपना पार्ट श्रेष्ठ बजाना है… सबकी पालना का रिटर्न देना है

मेरा वायदा है ‘एक बाबा, दूसरा ना कोई’… मैं एकव्रता… वफादार सजनी हूँ

वही मेरा संसार है… उनसे ही सर्व सम्बन्धों का सुख लेती… सदा उसके साथ रहती हूँ

औरो के प्रभाव से परे रह… सबको बाबा की गुण-शक्तियां बांटती… न्यारी, और सबका प्यारी हूँ

इसी अभ्यास से दुःखों से परे रह… सबको निरन्तर शान्ति, प्रेम, सुख, आनंद दे सकते… यही परिवार के लिए सच्चा प्यार है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘न्यारा-प्यारा बनने’

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