योग कमेंटरी | चाँद पर | Creative Commentary on Moon
मुझे सम्पूर्ण चन्द्रमा समान… सोलह कला सम्पूर्ण बनना है… माया के ग्रहण से बिल्कुल मुक्त
सफेद चन्द्रमा की तरह… मैं सम्पूर्ण पवित्र… सबके जीवन को प्रकाशित करता… राह दिखाता हूँ
हज़ारों चन्द्रमा के समान सूक्ष्मवतन में… मैं चमकीली फरिश्ता ड्रेस में… प्रकाशमय बापदादा के सम्मुख हूँ
ज्ञान चन्द्रमा मुझे… शीतलता प्रदान कर रहे हैं… मैं उनके स्नेह में समा गया हूँ
मैं रूहानी चकोर हूँ… मेरे चाँद बाबा को देख… नाच उठा हूँ… ओम् शान्ति!
गीत: ये गगन का चाँद… (बहुत सुन्दर गीत, अस्मिता बहन द्वारा गाया हुआ)
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘चाँद पर | Creative Commentary on Moon’
Very nice commentry