योग कमेंटरी | बाबा है पिता

योग कमेंटरी | बाबा है पिता

भगवान् मेरा पीता है… मैं ईश्वरीय सन्तान हूँ… बाबा ने मुझे adopt किया है

मैं बाबा की गोद में हूँ… उनकी श्रीमत रूपी उंगली पकड़ चलता… सहज पुरूषार्थी हूँ

बाबा ने ज्ञान-गुण-शक्तियों से… मेरी सर्वश्रेष्ठ पालना कर… आप समान योग्य बनाया है

अपने सर्वश्रेष्ठ सतयुगी वर्से का… अधिकारी बनाकर… बालक सो मालिक बना दिया है

मुझे बाप समान… सम्पन्न… सम्पूर्ण जरुर बनना है

सभी मेरे रूहानी भाई-बहनों को भी… बाबा से जुड़ाकर… अपने सतयुगी वर्से के अधिकारी बनाना है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘बाबा है पिता’

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