योग कमेंटरी | बाबा मेरी बेहद की माँ

योग कमेंटरी | बाबा मेरी बेहद की माँ

बाबा मेरी बेहद की माँ… मात-पिता है… मेरी ज्ञान-गुण-शक्तियों से… सर्वश्रेष्ठ पालना करते

रोज़ सुबह उठाकर… ज्ञान रत्नों से श्रृंगार कर… सारे दिन के लिए तैयार करते

सदा साथ रहते… भोजन खिलाते गिट्टी-गिट्टी… प्यार करते

ब्रह्मा माँ द्वारा… मुझे प्यार-पुचकार… लाड़-दुलार करते… मुझे माँ की ममता मिल रही

सबको इस बेहद-माँ से जुड़ाकर … परमात्मा प्यार दिलाकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाना है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘बाबा मेरी बेहद की माँ’

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