योग कमेंटरी | मैं खुशबूदार फूल हूँ | I’m a fragrant flower
मैं खुशबूदार फूल हूँ… शीतल चन्दन हूँ… मुझसे चारों ओर गुणों की खुशबू फैल रही है… वातावरण श्रेष्ठ सुगंधित हो रहा है… सभी प्रसन्नीत हो रहे हैं
मैं रूहानी सूरजमुखी हूँ… मेरी मन-बुद्धि सदा ज्ञान सूर्य बाबा की तरफ है… उनसे ही शक्तियां ले रही हूँ
योग की धूप… ज्ञान के जल… धारणा की धरती से… मैं फूल खिल उठा हूँ… सभी परिस्थिति में खिला हुआ हूँ
मैं सदा हर्षित… मीठा… शान्त-चित हूँ
सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित… मैं रूहे गुलाब हूँ… राजा हूँ… सबसे सुन्दर
स्वयं भगवान मेरा बागवान है… उनके बगीचे का, मैं किंग फ्लावर हूँ… सबको भी बनाना है… ओम् शान्ति!
गीत: भगवान की बगिया के…
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं खुशबूदार फूल हूँ | I’m a fragrant flower’
…हां बिल्कुल आप अल्लाह के बगीचे के रुहे ? गुलाब हो ?