योग कमेंटरी | मैं उड़ता पंछी हूँ | I’m a flying bird

योग कमेंटरी | मैं उड़ता पंछी हूँ | I'm a flying bird image

योग कमेंटरी | मैं उड़ता पंछी हूँ | I’m a flying bird

मैं उड़ता पंछी हूँ… देह रूपी घोसले से न्यारा… बिल्कुल हल्का हूँ

ज्ञानयोग के पंख… वा उमंग-उत्साह के पंख द्वारा… मैं सदा उड़ती कला में… सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर हूँ

सभी डालियां छोड़… मैं उड़ चली ऊपर… परमधाम रूपी घर की ओर

मैं निर्बंधन… स्वतंत्र, आज़ाद हूँ… पहुँच गई अपने प्रियतम के पास

बाबा मुझे बहुत-बहुत प्यार करते… सभी गुण-शक्तियों से भरपूर-सम्पन्न कर… मुझे जन्म-जन्मान्तर के लिए पद्मपद्म भाग्यशाली बना दिया है… ओम् शान्ति!

गीत: मन पंछी तू…

गीत: मैं आत्म पंछी…


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं उड़ता पंछी हूँ | I’m a flying bird’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *