योग कमेंटरी | I’m an immortal soul | भय-मुक्त आत्म-अभीमानी अवस्था

योग कमेंटरी | I’m an immortal soul | भय-मुक्त आत्म-अभीमानी अवस्था

मैं अजर… अमर… अविनाशी शक्ति… आत्मा हूँ

मुझे अग्नि जला नहीं सकती… पानी डुबो नहीं सकता… हथियार काट नहीं सकते

मुझे धरती हिला नहीं सकती… हवा उड़ा नहीं सकती… बिजली छू भी नहीं सकती

मुझे कोई मार नहीं सकता… छू भी नहीं सकता… मेरा कुछ नुकसान नहीं हो सकता

मैं बाह्य प्रभाव से भी परे… ज्ञान योग की शक्ति से सम्पन्न हूँ… बहुत शक्तिशाली, मास्टर सर्वशक्तिमान हूँ… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘I’m an immortal soul | भय-मुक्त आत्म-अभीमानी अवस्था’

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