योग कमेंटरी | मैं राजऋशी हूँ
मैं राजऋशी हूँ… राजा भी… ऋशी भी
मैं बालक सो मालिक… सर्व खजा़नों का मालिक… स्वराज्य अधिकारी हूँ
मैं पवित्र, त्यागी तपस्वी हूँ… बुराइयों को त्याग कर… श्रेष्ठ स्थिति का भाग्य प्राप्त कर लिया है
मैं श्रेष्ठ स्थिति का आसन-धारी हूँ… कल्प वृक्ष की जड़ों में विराजमान… तपस्वी हूँ … मेरे श्रेष्ठ वाइब्रेशन सारे वृक्ष को पहुंचते… उनकी पालना करते हैं
मेरा तो एक शिवबाबा है… उनकी याद से मैं सर्व प्राप्ति सम्पन्न बना हूँ… सबको यह ख़ज़ाने बांटता हूँ… ओम् शान्ति!
गीत: महाज्योति को याद करो, हे योगी बड़े प्यार से…
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं राजऋशी हूँ’