योग कमेंटरी | मैं रूहानी आत्मा (कुमारी) हूँ | Avyakt Murli Churnings 24-03-2019
मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ… सदा श्रेष्ठ कार्य करने वाली… विश्व कल्याणकारी हूँ
मैं रूहानी आत्मा हूँ… सदा आत्मिक स्थिति में स्थित… सबको आत्मिक दृष्टि से देखती… बाबा की रूहानी याद में रहती
मैं सम्पूर्ण पवित्र… महान आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रखने वाली… मायाजीत हूँ
मैं सौ ब्राह्मणों से उत्तम… ईश्वरीय विश्व विद्यालय की… बेहद सेवाधारी हूँ
मैं देवी हूँ… सदा मुस्कुराती… दृष्टि-हाथों से सदा देने वाली… सबको सुख शान्ति प्रेम आनंद, सर्व खजा़नों से भरपूर करने वाली… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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