योग कमेंटरी | मैं समर्पित हूँ

योग कमेंटरी | मैं समर्पित हूँ

मेरा तन-मन-धन सब बाबा का है… वो मेरा है… उनकी सारी ज्ञान-गुण-शक्तियां मेरी है… मैं उनको समर्पित हूँ

मेरा सुहाग सदा अमर है… मैं सदा उनको प्रेम से याद कर… सुखशान्ति सम्पन्न… हर्षित रहती

बाबा ने मुझे दिव्यगुणों से श्रृंगार कर… दिव्य दर्शनीय मूर्त… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बना दिया है

मैं खुश-किस्मत… सौभाग्यवती… पद्मपद्म भाग्यशाली हूँ

बाबा ने अपनी गद्दी पर बिठाकर… विश्व कल्याणकारी… बेहद सेवाधारी बना दिया है

मैं सच्ची पार्वती… सच्ची सीता… एकव्रता, वफादार सजनी हूँ… एक बाबा, दूसरा ना कोई… ओम् शान्ति!

गीत: कितना प्यार दिया बाबा…


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं समर्पित हूँ’

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