योग कमेंटरी | मैं और मेरा
मैं आत्मा हूँ… मेरा बाबा है… और सब स्मृतियाँ मर्ज हो गई है
मैं देव-कुल की महान आत्मा हूँ… विश्व कल्याणकारी… मास्टर सर्व शक्तिमान हूँ
मेरा बाबा ऊंच ते ऊंच… सर्वश्रेष्ठ वर्सा देने वाला… सर्वश्रेष्ठ श्रीमत देते हैं
परिस्थितियां सिर्फ साइड-सीन है… आसपास सभी आत्माएं भी… बाबा के बच्चे है
बाकी सबकुछ भूल… बस मैं और मेरा बाबा… इसी स्मृति में स्थित रहना है… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं और मेरा’