योग कमेंटरी | रूहानियत का अभ्यास

योग कमेंटरी | रूहानियत का अभ्यास

मैं रूह हूँ… मेरा बाबा सुप्रीम रूह है… उनके संग में रूहानियत (आत्मिक स्थिति) का अनुभव कर रहा हूँ

देह से बिल्कुल न्यारा… रूहानी स्थिति में स्थित हूँ… देह को देखते भी नहीं देखता

निरन्तर शान्ति, प्रेम, आनंद का अनुभवी… मै बाबा को देख रहा… उनके सम्पूर्ण गुण-शक्तियों से सम्पन्न बन रहा हूँ

मैं पावन… सतोप्रधान… दिव्य बनता जा रहा हूँ

यह प्रकंपन सारे वातावरण को अलौकिक बनाता… सभी आत्माओं को बहुत सहयोग दे रहा… सारे विश्व को पावन-दिव्य बना रहा है… ओम् शान्ति!


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Thanks for reading this meditation commentary on ‘रूहानियत का अभ्यास’

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