योग कमेंटरी | रूहानी नैनौं का श्रूंगार | Spiritual Decoration of Eyes
मेरे रूहानी नैन… सबकी विशेषताएं देखते… सबको आत्मिक रूप में देखते
मेरी आँखें शीतल… निर्मल… रहम भाव से भरपूर है
इन नैनों में भगवान समाया हुआ है… और कोई इसमे नहीं बस सकता… रूहानी नूर छलक उठा है
इन आँखों में… पवित्रता की झलक… भोलापन… सरलता चमक रही है
यह आँखें बहुत भाग्यवान है… जिन्होने धरती ? पर आते भगवान को देखा है
इस रूहानी दृष्टि से… सबको शक्तिशाली बनाकर… दुःखों से मुक्त करना है…
जब भी घर से निकले… ऎसे आँखों को सजाकर… सबकी सेवा करनी है… ओम् शान्ति!
और योग कमेंटरी:
- शान्ति,खुशी,सुुख,अलौकिक,हल्का,पवित्र,ज्ञान,शक्ति,शीतल,नम्र,वाह,नैन,सम्पर्क,भाव,कुण्ड,घर,निर्भय
- स्वमान,श्रेष्ठ,रॉयल,दिव्य,महान,स्वराज्य,भाग्य,गोपी,हंस,सार,दूत,ऋशी,ताज,माला,बालक,स्टुडेंट,हनुमान
- आत्मा(सितारा,बेदाग,हीरा,दीप,फूल,पंछी),रूह,दृष्टि,देहीअभिमानी,अशरीरी,प्रभाव,देहभान,नहीं,भयमुक्त
- प्यार,याद,दृष्टि,बातें,पार्ट,सूर्य,चुम्बक,नूर,मिलन,माँ,पिता,टीचर,गुरू,दोस्त,मुरली,संसार,जीवन,मैं-मेरा,ट्रस्टी
- स्वदर्शन(प्रिंस,देवता,दर्शनीय,पूज्य,शक्ति,ब्राह्मण,निमित्त,सेवा,समर्पित,लाइट,फरिश्ता,अवतार,घर,आस्मान)
- भोजन,सोना,न्यारा,थकावट,हॉस्पिटल,चाँद,बादल,होली,सुबह,बरसात,अंतरिक्ष,पानी,प्रकृति
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