योग कमेंटरी | बाबा है सतगुरू

योग कमेंटरी | बाबा है सतगुरू

बाबा मेरा परम-सतगुरू है… मैं उनका प्रिय शिष्य… सर्वश्रेष्ठ follower हूँ

बाबा ने मुझे… मन्मनाभव का महामंत्र देकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न… सर्व खज़ानों से भरपूर कर दिया है

सर्वश्रेष्ठ श्रीमत देकर… श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ… मनुष्य से देवता बना रहे हैं

मुझे गति-सद्गति… मुक्ति-जीवनमुक्ति देते… हथेली पर स्वर्ग की सौगात लाए है

मैं भी मास्टर सतगुरू हूँ… सबको मुक्ति-जीवनमुक्ति दिलाता… परम-सतगुरू बाबा से जुड़ाकर… ओम् शान्ति!


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Becoming free from sorrow! | Sakar Murli Churnings 16-07-2019

Becoming free from sorrow! | Sakar Murli Churnings 16-07-2019

1. विद्या अर्थात् ज्ञान, जिसका सागर है एक भगवान्, उनका नाम है शिव, वही रचता-रचना के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान देते, राजयोग दिखाकर आप-समान सतोप्रधान बनाते

2. साइंस ने भल स्थूल सुख दिया है, लेकिन आत्मा पतन की ओर है, और ही दुःख आने है, विनाश की सामग्री भी तैयार है… हम अभी संगमयुगी है जबकि दोनों तरफ देख सकते… नई दुनिया होगी पवित्रता-सुख-शान्ति-हेल्थ-वेल्थ सम्पन्न

चिन्तन 

जबकि दुःखहर्ता-सुखकर्ता बाप खास हमारे लिए आए है… तो सदा ज्ञान-योग-समर्पण द्बारा स्वयं को ऎसा सम्पन्न-शक्तिशाली बना के रखे, कि कोई भी परिस्थिति आए, हम सदा शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर श्रेष्ठ स्थिति में स्थित रह, सबको करते, सतयुग बनाते रहे… ओम् शान्ति!


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Getting lost in God’s love! | Avyakt Murli Churnings 26-05-69

Getting lost in God’s love! | Avyakt Murli Churnings 26-05-69

1. चेक करना है… कितना समय लगन लगाने में जाता, और कितना समय मग्न अवस्था में रहते

2. जैसे बाप में 100% निश्चय है, वैसे ही उस:

  • बाप के महावाक्यों-फरमान-आज्ञाओं पर
  • टीचर की पूरा पढ़ाई पर पूर्ण रीति से चलना
  • सतगुरू की श्रीमत पर चलना

इन पर भी पूरा निश्चय चाहिए

3. स्नेह लगाना तो सहज है, अभी स्नेह-स्वरूप बनना है… फिर हमारे सूरत में बाबा, नयन में भी वहीं नूर, वाणी में स्नेह के बोल, चित्र में

4. सहनशक्ति से ही संगठन-सेवा में सफलता मिलती, अन्त समय में काम आती… जितना स्नेह होगा, उसके प्रति सहन करना सहज होता (जैसे माँ)

5. निर्भयता के लिए चाहिए निराकारी स्थिति, देह भान में ही भय आता

6. कुमारियां को बाबा विशेष ईश्वरीय स्नेह देते, ताकि दूसरे के स्नेह में न फंसे, इसलिए स्वयं को बचाना है… बचाना अर्थात

  • मन्सा में प्यूरिटी-निश्चय
  • वाचा में controlling पावर, बाप समान
  • कर्म भी बाप जैसे
  • संगदोष (आत्मा-शरीर के भिन्न-भिन्न रूपों) से बचना

परीक्षाओं में पास होने लिए चाहिए परख शक्ति (यह कैसी माया-विघ्न है?, क्यू आई है? आदि की परख)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… निश्चयबुद्धि बन निराकारी स्थिति में स्थित हो बाबा के स्नेह में मग्न हो जाए… तो सदा बचे रहेंगे, सहनशक्ति द्वारा सफलता पाते, हमारे नैन-चेहरे-चलन में बाबा दिखते… हम सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Finding time! | Sakar Murli Churnings 15-07-2019

Finding time! | Sakar Murli Churnings 15-07-2019

1. जबकि हम इस ईश्वरीय विद्यालय में एक ही बार आते (5000 सालों में) और स्वयं भगवान् बाप-टीचर-सतगुरु बन पढ़ाते… तो एक दिन भी मुरली मिस नहीं करनी चाहिए

2. जबकि बाबा हमें इतना प्यार से आप समान भगवान-भागवती बनाते (और liberate कर घर ले जाते)… तो उनको कितना याद करना चाहिए

3. बस बाप और वर्से को याद करना है, जिससे आत्मा पवित्र-viceless-श्रेष्ठ कैरक्टर वाली बन जाती… तो इसके लिए थोड़ा समय जरूर निकालना है, औरों को भी समझाना है…

4. यह wonderful बातें हैं, जो 7 रोज़ में बाबा समझा देते, सच्ची शान्ति का रास्ता भी मिल जाता

चिन्तन

तो अपने ज्ञान-योग के लिए समय निकालने, सदा याद रखे:

  • यह बाबा की श्रीमत है… बाबा-निमित्त ने हमें कितना समय दिया है, तो क्या हम समय नहीं दे सकते?
  • मन शक्तिशाली होने से एकाग्रता बढ़ती, कार्य-सम्बन्ध (और नींद) सहज हो, बहुत-बहुत समय बचता
  • बहुत कार्य (ब्रश, तैयार होना, नाश्ता, ट्रैवल, रोज़ के कार्य) हाथों से करते, मन फ्री रहता… तो उसे अच्छे क्लास सुनने, बाबा को याद करने में लगाना है
  • 1 घण्टे में एक मिनट निकाले (ट्रेफिक कंट्रोल)… Silence का अभ्यास, मुरली की एक पॉइंट पढ़ने, आदि
  • हम-बाबा आशिक-माशुक है

Excelling in service! | (14th) Avyakt Murli Churnings 18-05-69

Excelling in service! | (14th) Avyakt Murli Churnings 18-05-69

1. सेवा में मुख्य गुण चाहिए:

  • एवर-रेडी
  • ऑल-राउंडर
  • यह स्मृति “जो कर्म हम करेंगे, हमें देख सब करेंगे” (हम स्टेज पर है, सभी हमें देख रहे, तो attention रहेंगा)
  • और स्मृति “21 जन्मों की रिकॉर्डिंग हो रही है” (तो कोई भी गफलत नहीं होंगी)

2. दो प्रकार है… रूहें गुलाब अर्थात सदा रूहानी स्थिति में स्थित… गुलाब अर्थात सेवा-धारणा-संस्कार अच्छे-शीतल, पर रूहानी स्थिति कम

इसकी परख मस्तक-नयन-मुखड़े द्बारा प्रत्यक्ष होती… परखना आवश्यक है क्योंकि कई प्रकार के व्यक्ति आएँगे, हमें शक्ति-रूप बनना है… अशुद्ध आत्माओं से बचने के लिए हर कर्मेंद्रीयां को योग अग्नि में तपाना है… प्राकृतिक आपदाओं का सामना शक्ति-रूप हो करना है

3. अव्यक्त समय में हमारा शक्ति-रूप बनने का पार्ट है… हमारा अन्तिम गायन है भारत माता शक्ति अवतार, उंगली से पर्वत उठाना यह भी शक्ति की निशानी है… हम शक्ति रूप में स्थित हो जाए, तो सभी रही हुई आत्माएं भी आ जाएंगी


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Becoming a light-house full of newness! | Avyakt Murli Churnings 14-07-2019

Becoming a light-house full of newness! | Avyakt Murli Churnings 14-07-2019

नवीनता की बढ़ाई!

1. बाबा ने हमें नया ज्ञान-जीवन-युग देकर, पुरानी बातें-स्मृति-वृत्ति-संस्कार से परे स्वराज्य अधिकारी बना दिया है… बाप के साथ-समान-दिलतख्तनशीन बनने के वरदान दिये है, जिससे पुराने-पन को विदाई दे नये की बढ़ाई ले सकते (नये युग-संसार-सम्बन्ध-परिवार की)… वरदाता-विधाता के साथ न्यू ईयर मनाने कारण हम सदा वरदानों-प्राप्तियों से भरपूर एवर-हैप्पी रहते, औरों को भी सुख-शान्ति की किरणें अनुभव हो नई ज्ञान-युग-जीवन की आशा की किरण जागृत करते

2. नये उमंग-उत्साह को कायम रखने, हर संकल्प-कर्म नये हो… अविनाशी-बाप से अविनाशी-प्राप्ति करने का दृढ़-संकल्प सदा कायम रखना है

बाबा का प्यार!

1. जैसे हम बाबा के स्नेह-गीत में लवलीन होते, बाबा भी हमारी विशेषताओं पर आशिक है… हम थोड़ी आत्माओं के प्रति सदा मन में खुशी के गीत गाते… विशेष आत्मा अर्थात हर संकल्प-बोल-कर्म में विशेषता हो, सदा उड़ती कला में उड़ते रहे, विघ्नों से परे, सब को भी आगे बढ़ाते

2. याद में लिए हुए हर कदम में, पद्मों की कमाई करने वाले हम पद्मपद्म भाग्यशाली आत्माएं है, हमारी यह खुशी से औरों को भी प्रेरणा मिलती… याद-सेवा के बैलेंस से सदा सैफ रहते, आगे बढ़ाते, blessings, बाबा की मदद मिलती रहती

प्रत्यक्षता का लाइट-हाउस!

1. पहले स्वयं को प्रत्यक्ष करना है, powerful ज्ञान-योग द्बारा ज्वाला-स्वरूप लाइट-हाउस माइट-हाउस स्थिति बनाकर… अर्थात स्वरूप-स्टेज-सम्बन्ध में हल्कापन-न्यारापन

2. तो इस शान्ति-कुण्ड के पास सब दौडते आएँगे, हमारे नयनों में बाबा की लाइट, लाइट का गोला दिखाई देगा… सबको (प्रकृति-सहित) आशा मिलेंगी, हमारी ओर देखेंगे… Silence से ही प्रत्यक्षता के नगाड़े बजेंगे, बड़े-बड़े हम शक्तियों सो शिव को प्रत्यक्ष करेंगे…

3. powerful वृत्ति-वायुमण्डल-वातावरण बनाने negative से बिल्कुल मुक्त बनना है… तब ही निर्विघ्न-शुभ भावना-कामना-सम्पन्न वातावरण बनेगा

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हर संकल्प-कर्म में नित-नये बाबा के साथ के अनुभव करते, सदा शक्तिशाली लाइट-हाउस एवर-हैप्पी स्थिति का अनुभव करे… सबको सुख-शान्ति की किरणें अनुभव कराए, आशा जागृत कर, सबके साथ सतयुग बनाने के निमित्त बन जाएं… ओम् शान्ति!


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The power of incorporeal stage! | (13th) Avyakt Murli Churnings 08-05-69

The power of incorporeal stage! | (13th) Avyakt Murli Churnings 08-05-69

1. निश्चय में कोई भी पर्सेंटेज नहीं, जरा भी मन्सा-वाचा-कर्मणा में संशय है तो संशय-बुद्धि कहेंगे… निश्चय-बुद्धि की परख है उनका चेहरा निशाने-बाज जैसा होगा (बिन्दु के निशाने पर एकाग्र) और चेहरे में नशा

2. मन्सा को ठीक करने चाहिए निराकारी स्थिति, वाचा में निरहंकारी, कर्मणा में निर्विकारी… निराकारी से स्वतः निर्विकारी-निरहंकारी रहते… यह तीनों होगा तो त्रिलोकीनाथ-त्रिकालदर्शी और भविष्य विश्व के मालिक बन जाएँगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… निश्चय-बुद्धि बन निराकारी स्थिति का अभ्यास पक्का करते रहे… तो स्वतः विकारों से मुक्त, नम्रता से सम्पन्न बन, योग के विभिन्न अनुभवों से सम्पन्न-खुश-रूहानी नशे में रहेंगे… औरों को भी सम्पन्न करते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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Hear no evil! | Sakar Murli Churnings 13-07-2019

Hear no evil! | Sakar Murli Churnings 13-07-2019

1. हमारी डबल कमाई है, ज्ञान से (जिससे सद्गति) और मामेकम् माशुक की याद से (जिससे आयु बढ़ती, पवित्र-पूज्य बनते, दुःख-अशान्ति से मुक्त), हमें सम्पूर्ण निश्चय है…

2. साथ में रहमदिल-कल्याणकारी बन औरों को भी आप समान बनाने की सर्विस करनी है, आत्मा-रचता-रचना-समय का refine रूप से समझाना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा रोज़ हमें ज्ञान रत्नों से इतना सम्पन्न-शक्तिशाली करते, तो व्यर्थ बातें सुनने-देखने से तो बिल्कुल कान बन्द कर दे… तो हमारी frequency सदा ऊँची रह, हम हर दिन बहुत-बहुत तेज उन्नति अनुभव करते… सदा शक्तिशाली शान्ति-प्रेम-आनंद से भरपूर स्थिति में स्थित रह, सबको करते, सतयुग बनाते रहेेंग… ओम् शान्ति!


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The magic of Avyakt stage! | Avyakt Murli Churnings 07-05-69

The magic of Avyakt stage! | (12th) Avyakt Murli Churnings 07-05-69

1. अव्यक्त मिलन का मूल्य है व्यक्त भाव छोड़ना, जिससे अव्यक्त मिलन का आनंद ले सकते… इसके लिए अर्पण होने का दर्पण सदा साथ रखना है, जिससे स्वयं को चेक-चेंज कर सकते… तो इस अव्यक्त स्थिति से हर कर्म में अलौकिकता, हर कर्मेंद्रीयां-नैन-चैन-चलन से अतिन्द्रीय सुख की अनुभूति होगी

2. सर्व खज़ाने के अधिकारी की खुशी-सुख में रहने से कभी अधीन-दुःखी नहीं होंगे… अभी तीव्र पुरुषार्थ का समय है

3. सबके बीच सर्विस का तिलक लिया है, तो हिम्मत-वान बन ब्राह्मण कुल की लाज रखनी है, पुरुषोत्तम बनकर… ऑल-राउन्ड सेवा की सफलता है एकरस स्थिति में … दूर होते भी स्नेह से बाबा के समीप, नैनों के नूर है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अव्यक्त स्थिति में स्थित रह अव्यक्त मिलन मनाते, सदा अलौकिक-अतीन्द्रिय सुख से भरपूर, सर्व खज़ाने से सम्पन्न रहे… बाबा के नैनों के नूर, सदा श्रेष्ठ एकरस स्थिति में स्थित रह, सबको करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!


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A divine Intellect! | Sakar Murli Churnings 12-07-2019

A divine Intellect! | Sakar Murli Churnings 12-07-2019

1. हम निराकार आत्माएं ऊपर से यहां अकाल-तख्त पर आती, अब अन्त में पतित-दुःखी-रोगी बन गई है… अब फिर बाबा आकर हमें स्वीट-silence-home में ले जाते, फिर नई सुख की दुनिया स्वर्ग में भेज देते

2. हमें सम्पूर्ण निश्चय है, इसलिए हम श्रेष्ठ पुरूषार्थ करते-कराते… बाबा के संग में रह, हम पारसबुद्धि बन पवित्रता-सुख-शान्ति के सागर बनते… सबको सुनाते की बेहद के बाप (परमपिता) से बेहद का वर्सा मिलता (जहां सबकुछ नया है), जिसके लिए वह आए हैं वायदे अनुसार

चिन्तन

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा ने हमें दिव्य-पारस बुद्धि का वरदान दिया है, तो सदा अपने ज्ञान-योग-धारणा-सेवा को फर्स्ट priority देते रहे… तो स्वतः हमारे सभी कार्य-सम्बन्ध श्रेष्ठ-सहज-सुन्दर होते, हम सतयुग स्थापन करते रहेंगे… ओम् शान्ति!


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