Becoming truly God-loving & powerful | प्रीत बुद्धि विजयन्ती | Avyakt Murli Churnings 27-01-2018

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Becoming truly God-loving & powerful | प्रीत बुद्धि विजयन्ती | Avyakt Murli Churnings 27-01-2018

स्नेही कि अवस्थाएं

  1. औरों का परिवर्तन वा श्रेष्ठ जीवन को देख स्नेही
  2. गुणों, सुख-शान्ति के कुछ अनुभव की झलक से स्नेही
  3. शुध्द आत्माओं के संग से कुछ सहारा के अधार पर स्नेही
  4. परमात्म स्नेही, सर्वश्रेष्ठ स्नेही

सहयोगी की अवस्थाएं

  1. भक्ति के संस्कार के आधार से सहयोगी… बातें अच्छी है, जीवन अच्छा है, स्थान अच्छा है, अच्छे स्थान पर अच्छा कार्य करना चाहिए, आदि
  2. ज्ञान योग से कुछ प्राप्ति के आधार पर सहयोगी
  3. एक ही बाप है, एक ही प्राप्ति है, बाबा का कार्य सो मेरा कार्य… ऎसे श्रेष्ठ सहयोगी!

शक्तिशाली की अवस्थाएं

  1. ज्ञान के अधार से शक्तिशाली… जब तक स्मृति में रह… कि मैं शक्ति स्वरूप आत्मा हूँ, सर्वशक्तिमान की सन्तान हूँ
  2. ज्ञान के चिन्तन, वर्णन वा सेवा के आधार पर शक्तिशाली… जब तक चिन्तन वा वर्णन करे
  3. सदा मास्टर सर्वशक्तिमान स्वरूप, सर्वशक्तिमान बाबा से combined, श्रीमत का हाथ छत्रछाया के रूप में अनुभव करते… हर संकल्प, बोल, कर्म समर्थ शक्तिशालीदृढ़ता सम्पन्न, प्रश्नों से पार, सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है… वह सर्व-प्राप्ति सम्पन्न, अपने भाग्य केे गुणगान करते, सदा रूहानी नशे में रहते… ऎसी आत्माएं ही विजयी बनती

अन्य पॉइन्ट्‍स

  • एक बल एक भरोसा अर्थात बाबा और बाबा की श्रीमत… उसके ही अधार से ज्ञान-स्वरूप, महान योगी, अनुभवी मूर्त, एकाग्र-चित्त, सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनते
  • मधुबन बाबा का घर, सो अपना घर है… यहां आराम है, बाबा की छत्रछाया है, मीठी प्यारी पालना है
  • पंजाब की विशेषता है अमृतवेला और सत्संग… ईस्टर्न है मास्टर ज्ञान सूर्य बन विश्व को प्रकाशित करने वाले, माया के अन्धकार से बचे रहने वाले

प्रीत-बुद्धि की निशानियां

  • शरीर का विनाश कभी भी हो सकता… इसलिए इस विनाश काले प्रीत-बुद्धि बनना है
  • प्रीत-बुद्धि अर्थात संकल्प भी श्रीमत के विपरीत न हो… हर संकल्प, बोल, कर्म बाबा की श्रीमत परबुद्धि के सामने सदा बाबा रहते, एक बाबा दूसरा ना कोई, उनके गुण और शक्तियां का अनुभव होता रहता… ऎसी आत्माएं ही विजयी, सदा सुखी, मायाजीत बनती!… बाबा दिन-रात उनके गुणगान करते, विश्व का राज्य भाग्य दिलाते
  • प्रीत-बुद्धि सदा अलौकिक, अव्यक्त वा न्यारे प्यारे होते… उनके नैन-चेहरे में अन्तर्मुखता वा बाबा ही दिखते, हर कदम सेवा होती
  • वह बाबा का पूरा साथ लेते और सम्बन्ध निभाते… निभाना अर्थात सदा एक बाबा दूसरा ना कोई, उसकि प्रीत में डूबे हुए!… इसलिए माया (पुराने संस्कार), कमी कमझोरी, निर्बलता, कोमलता आदि सब पर विजयी रहते

सार

तो चलिए आज सारा दिन… हर संकल्प में बाबा और उसकी श्रीमत से प्रीत-बुद्धि बन, सदा सुख के झूले में झूलते रहे… और हर कदम सबका श्रेष्ठ बनाते रहे… सतयुग बनाते रहे, ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 26-01-2019

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Sakar Murli Churnings 26-01-2019

हम आधा-कल्प से भागवान को याद करते थे, इसलिए अब विश्व की वानप्रस्थ अवस्था में बाबा तमोप्रधान देश में आए हैं… हमारे obedient servant बन हमें सतोप्रधान देवता विश्व का मालिक बनाने, आधा-कल्प के लिए!… इसलिए अभी योग-युक्त (अशरीरी-पन का अभ्यास और बाबा की याद में मग्न) पवित्र बनना है, तो सभी बातों को सहज पार कर लेंगे… अमृतवेले के श्रेष्ठ समय पर श्रेष्ठ स्थिति मेंं स्थित होना है, तो सारा दिन सहज बितेगा!

सार

तो चलिए आज गणतंत्र दिवस पर… बाबा की श्रीमत अनुसार ज्ञान-योग का अभ्यास कर फिर से स्वराज्य अधिकारी (अर्थात स्व का राजा) बन जाएँ… तो इस स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन हो जाएगा, और हम फिर से सतयुगी दैवी राजधानी का हिस्सा बन जाएँगे!… ओम् शान्ति!

Becoming a hero actor | हीरो एक्टर बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 25-01-2019

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Becoming a hero actor | हीरो एक्टर बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 25-01-2019

1. यह बेहद का नाटक है (जिसकी सूर्य चाँद बत्तियां हैं, 5000 वर्ष की आयु है, और एक सेकण्ड न मिले दूसरे से)… हम आत्मा मुसाफिर वा ऐक्टर्स है, जिन्होनें शरीर रूपी वस्त्रों से 84 जन्मों का पार्ट बजाया है… और परमात्मा का सबसे श्रेष्ठ पार्ट है टीचर बन हमको सत्य ज्ञान और राजयोग सीखाकर वंडर ऑफ वर्ल्ड स्वर्ग बनाना 21 पीढ़ी के लिए

2. संगम की ही बातों पर सारे त्योहार बने हुए हैं, तो सबकी सर्विस कर शृंगार करना है, उन्हें आत्मा समझकर ज्ञान देना है… याद में रह ever-healthy बनना है… और सच्ची पढ़ाई कर अविनाशी कमाई जमा करते रहना है… श्रीमत पर पूरा-पूरा चल शमा बाप पर फिदा होना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपने हीरो पार्टधारी की स्मृति द्वारा स्वयं को ज्ञान गुण और शक्तियों के श्रृंगार से सम्पन्न कर, औरों को भी सम्पन्न बनाते रहे… जिससे सहज ही हम सतयुग लाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | वाह मेरा भाग्य वाह! | My illustrious fortune!

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योग कमेंटरी | वाह मेरा भाग्य वाह! | My illustrious fortune!

मैं भाग्यशाली, सौभाग्यशाली, पद्मापद्म भाग्यशाली आत्मा हूँ… स्वयं भाग्यविधाता ने भाग्य की कलम मेरे हाथों में दी है… वाह मेरा भाग्य वाह!

भगवान का वरदानी हाथ मेरे सिर पर है… सदा सुखी भव, सफलता मूर्त भव, बाबा मुझे वरदान दे रहे हैं… मेरे भाग्य का सितारा चमक उठा है

भ्रकुटी के बीच चमकता हुआ दिव्य सितारा… मैं आत्मा, शान्ति प्रेम आनंद स्वरूप हूँ… बहुत सुखद अनुभव हो रहा है

सर्वशक्तिमान शिवबाबा की सन्तान… मैं सर्व प्राप्ति सम्पन्न हूँ… सदा इसी श्रेष्ठ स्थिति में स्थित हूँ

मेरा शरीर स्वस्थ हो रहा है… मेरी कार्य क्षमता भी बढ़ रही है… मेरे सम्बन्ध भी मीठे बन जाएँगे

मेरा हर कर्म श्रेष्ठ व कल्याणकारी है…सबको खुशियां बांटती हूँ… मुझे सब का भाग्य श्रेष्ठ बनाना है

मेरा भाग्य मेरे हाथों में है… ज्ञान योग का अभ्यास कर मुझे सदा के लिए सुख-शान्ति सम्पन्न बनना… और बनाना हैं… ओम् शान्ति!

गीत: मन खुशी में गा रहा है, वाह बाबा वाह!


और योग कमेंटरी:

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Becoming Emperor of the World | विश्व का मालिक बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 24-01-2019

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Becoming Emperor of the World | विश्व का मालिक बनने की सहज विधि | Sakar Murli Churnings 24-01-2019

1. भगवान ने हमें ज्ञान का तीसरा नेत्र दिया है, दुनिया बदल रही है… तो हम जितना अपने को आत्मा समझ बाप को याद करेंगे और दैवीगुण धारण करेंगे, तो शान्तिधाम-सुखधाम पहुंच जाएंगे

2. ऎसे स्वर्ग की सौगात देने वाले बाबा को बहुत प्यार से याद करना है… तो पावन बन जाएँगे!

3. अपने को आत्मा समझ आत्मा भाई को ज्ञान (बाप का परिचय) देना है, इससे:

  • देह-भान उतर जाएगा
  • माया के तूफान, बुरे ख्यालात नहीं आएंगे
  • औरों को तीर भी लगेगा
  • यही मेहनत है विश्व का मालिक बनने के लिए

सार

तो चलिए आज सारा दिन… आत्मिक दृष्टि का अभ्यास पक्का कर, अनेकों का कल्याण करते रहे… साथ में बाबा को बहुत प्यार से याद करे, तो उनके रचे हुए स्वर्ग में ऊंंच पद मैं पहुँच जाएँगे, और अनेकों को ऊंच पद दिलाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 23-01-2019

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Sakar Murli Churnings 23-01-2019

सदैव खुशी वा नशे में रहना है, कि हम पर बृहस्पति की दशा बैठी है, स्वयं भगवान हमें पढ़ाते हैं, स्टूडेंट लाइफ इस दी बेस्ट… तो खूब पुरूषार्थ करना है, अपने को आत्मा समझना है और बाबा को याद करना है, तो वैकुण्ठ के मालिक बन जाएँगे… सब का कल्याण करना है, बाप का पैगाम देना है, बोर्ड लगाना है… लक्ष्मी-नारायण के चित्र को देख-देख खुश होना है, हम क्या से क्या बन रहे हैं, कितने श्रेष्ठ सतयुग में जा रहे हैं (जहां नैचुरल beauty है, अकाले मृत्यु नहीं होती, सोने की खानियाँ है, प्रकृति सतोप्रधान है)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपने श्रेष्ठ भाग्य को देख देख हर्षित होते रहे… और ऎसे No. 1 स्टूडेंट बने कि‍ हम स्वयं और सर्व का 21 जन्मों के लिए कल्याण कर दे, स्वर्ग बना ले… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | शुभ भावनाएं देना | Giving Good Wishes

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योग कमेंटरी | शुभ भावनाएं देना | Giving Good Wishes

उनका भला हो… कल्याण हो… वह आगे बढ़े

उनकी उन्नति हो… प्रगति हो… उनको जीवन में सफलता मिले

वह सुख-शान्ति, प्रेम और खुशियों से भरपूर रहे… उनका भी सम्बन्ध अपने परमपिता से जुड़ जाए… वह भी अपना सुख-शान्ति का वर्सा प्राप्त कर ले

मेरा चित्त सर्व के लिए शुभ भावनाओं से भरपूर है… मैं फरिश्ता बन चुका हूँ

मुझे सब को देते रहना है… शुभ भावनाएं, सम्मान, प्यार आदि… हर सम्पर्क में, हर आत्मा को… सबकी सेवा करनी है… ओम् शान्ति!

गीत: सभी हो सुखी…

देते चले प्यार देते चले…


और योग कमेंटरी:

Sakar Murli Churnings 22-01-2019

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Sakar Murli Churnings 22-01-2019

अब फिर शान्ति के टाॅवर घर जाना है… इसलिए सतोप्रधान बनना (बाबा को याद करना है, देह और देहधारीयों से ममत्व नहीँ, उनकी सेवा करनी है) और सतोप्रधान बनाना है (सुकर्म, बैज पर समझाना, सेन्टर खोलना, आदि)… गुणवान बनना है जैसे कि बाबा (परम पूज्य), देवताएं (रॉयल चलन) और आत्मा (आत्मा के अनादि गुण)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सिर्फ इसी धुन में रहे, कि हमें सतोप्रधान बनना और बनाना है… जिससे स्वतः हम सभी सदा के लिए सुखी हो, सतयुग ला देंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | Experiencing Peace | शान्ति की अनुभूति

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योग कमेंटरी | Experiencing Peace | शान्ति की अनुभूति

मैं शान्त स्वरूप आत्मा हूँ… शान्ति मेरा स्वधर्म है, मेरे गले का हार है… मैं बिल्कुल शान्त हूँ

मैं शान्ति के सागर की सन्तान हूँ… उनकी शान्ति की किरणें मुझ पर पड़ रही है… मैं शान्ति से भरपूर हो रही हूँ… सच्ची सुख-शान्ति अनुभव कर रही हूँ

मैं शान्तिधाम की रहवासी… शान्ति की दुनिया स्थापन करने वाली आत्मा हूँ

मैं सदा हल्की हूँ… बाबा मेरे साथ है… सभी मेरे भाई-बहन है

मुझे सबको शान्ति का खजाना बांटना है… शान्ति का रास्ता बताना है

मैं शान्तिदूत… शान्ति का भण्डार… शान्ति का फरिश्ता हूँ… मेरा स्थान शान्ति-कुण्ड है… ओम् शान्ति!

गीत: शान्ति सागर की लहरें…


और योग कमेंटरी:

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Sakar Murli Churnings 21-01-2019

Sakar Murli Churnings 21-01-2019

हमारे पिता परमेश्वर बाबा कहते… मामेकम् याद करने से ही विकर्म विनाश होते (और हम पावन जीवनमुक्त सतयुगी बनते), हममें लाइट आती, सेवा में जौहर भर जाता… बाप समान टीचर बन सबको धारणा करानी हैबाबा की तरह ड्रामा पर पूरा निश्चय रखना है, जो पास्ट हुआ वह ड्रामा accurate, अभी आगे के लिए संभालकर श्रेष्ठ करना है (चार्ट जरूर रखना है)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… ड्रामा के पॉइंट को use कर, सदा योगयुक्त स्थिति में लवलीन रहे… और सबका जीवन श्रेष्ठ बनाते रहे, सतयुग लाते रहे… ओम् शान्ति!