हम हैं पद्मपद्म भाग्यशाली, विश्व की तकदीर | Creating the illustrious fortune of the world | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

हम है पद्मपद्म भाग्यशाली, विश्व की तकदीर आत्माएं | Creating the illustrious fortune of the world | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019 image

हम हैं पद्मपद्म भाग्यशाली, नये विश्व की तकदीर | Creating the illustrious fortune of the world | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

हम सारे विश्व की तकदीर है, सारे विश्व के आधार-मूर्त, हमारे श्रेष्ठ सहज राजयोगी जीवन से सारा विश्व सुख-शान्ति-सम्पन्न बन जाता… हम श्रीमत पर जो योग करते, उससे सारा विश्व परिवर्तन हो नये विश्व का विधान बन जाता, इसलिए आज तक सभी भगवान्-देवताओं की कसम उठाते, उन्हों के सामने सच बताते… बाबा ने हमें ऎसा वरदानी सन्तुष्टता-मूर्त, सर्व प्राप्ति स्वरूप बना दिया है

हम कौन है?

  • पवित्रता की लाइट के ताजधारी
  • हमारे हाथ में स्वराज्य का गोला रूपी मक्खन है
  • बाबा के दिल-तख्त-नशीन
  • स्वराज्य के तीलकधारी
  • हम महान आत्माएं हैं, हमारे हर कदम-संकल्प-कर्म से विश्व का विधान बनता

तो सदा रूहानी नशे में रहना है, हम यदि सन्तुष्ट रहते तो सारा विश्व सन्तुष्ट बन जाता .. यह जिम्मेवारी सदा उन्नति कराती, और बहुत सहज भी है क्योंकि बाबा हमारे साथ है

हम आत्माएं (कुमार) कैसे है?

1. श्रेष्ठ आत्माएं अर्थात तन-मन की सारी शक्तियां श्रेष्ठ कार्य अर्थात विश्व कल्याण में लगाने वाली… सदा व्यर्थ से मुक्त रह, हर कदम पद्मों की कमाई जमा करने वाले, श्रेष्ठ प्राप्ति के अधिकारी है

2. शक्तिशाली आत्माएं अर्थात जो चाहे कर सकती, एसी अवस्था में बाबा मिलना सबसे श्रेष्ठ भाग्य है… हमारा साथी कुछ नहीं लेता, और सदा अविनाशी सहयोग देते रहता, जब भी याद करते… हम निर्बंधन स्वतन्त्र सेफ बेफिक्र हल्के है, सदा ऎसे श्रेष्ठ रहना है

3. हम समर्थ बाप की सन्तान समर्थ आत्मा, समर्थ कार्य करने वाली है, हमारे संकल्प बोल वा कर्म सब समर्थ है… इसलिए सदा उड़ती कला के अनुभवी है, बाबा की टचिंग द्वारा एक सेकण्ड में सफलता-स्वरूप बनने वाले हैं… व्यर्थ सेे सम्पूर्ण मुुक्त, डबल लाइट, सदा ऊपर रहने वाले

4. हम माया से युद्ध करने के बजाए कमाल करने वाले अर्थात सदा बाबा को साथ रख सब को बाबा का साथी बनाने वाले… अपने वरदानी-स्वरूप द्वारा शुभ भावना देते, सब को अचल बनाते

5. सदा बाबा साथ रखने से विजयी सफलता-रूप रहते अर्थात मेहनत कम, प्राप्ति ज्यादा रहती… ज्यादा सोचने के बजाए, श्रीमत पर कदम पे कदम रखकर सदा मंज़िल पर सहज पहुंचने वाले

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा बाबा को साथ रख समर्थ बन, उड़ती कला के अनुभवी अर्थात सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रहे… सब को बाबा का साथी बनाने की श्रेष्ठ सेवा करते, सारे विश्व की तकदीर बदलकर सतयुग स्थापन कर ले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 30-03-2019

Sakar Murli Churnings 30-03-2019

1. बाबा ने हमें सम्पूर्ण ज्ञान दे दिया है, मुख्य बात बाकी थोड़ा समय है जिसमें सतोप्रधान फूल चार्ज बनना है… इसके लिए बाबा रोज़ सकाश सर्चलाइट current देते, इसे कैच करने बुद्धि और तरफ हटाकर बाबा को याद करना है, तो फूल चार्ज हो जाएँगे

2. बाबा हमें देही-अभिमानी (भ्रूकुटी के बीच विराजमान आत्मा) और भाई-भाई की दृष्टि भी पक्की कराते, फिर सतयुग में भी हम आपस में बहुत प्रेम से रहेंगे… ड्रामा अनुसार जिनका पार्ट होगा वह समझेंगे, हमें अपना पार्ट श्रेष्ठ करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… यही समय है सतोप्रधान बनने का, इसी स्मृति में रहते व्यर्थ से अपने को समेट ज्ञान-योग की तीखी दौडी़ लगाते रहे … तो सदा स्थिति श्रेष्ठ रहेंगी, और दिनों-दिन सतोप्रधान बनते जाएंगे… औरों की भी सेवा होते, सतयुग बनाते चलेंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | अब घर जाना है

योग कमेंटरी | अब घर जाना है

84 जन्मों, 5000 साल से पार्ट बजा रहा हूँ… अब पार्ट पूरा हुआ… अब घर जाना है

परमधाम मेरा घर है… जहाँ सम्पूर्ण शान्ति है… विश्राम है

सबकुछ बाबा को सौप कर… मैं निश्चिंत हो गया हूँ… बाबा की याद से… सम्पूर्ण सतोप्रधान बन रहा हूँ

जैसे भरतू हो आए थे… वैसे ही भरतू हो जाना है… बाबा की याद में रह… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनना है

सबको ख़ज़ाने बांटते… उन्हे भी आप समान सम्पन्न… तैयार करना है… ओम् शान्ति!

गीत:मेरे बाबा का पैगाम…


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Sakar Murli Churnings 29-03-2019

Sakar Murli Churnings 29-03-2019

सभी को शरीर छोड़ने का बहुत डर रहता, इसलिए ज्ञान सागर बाप आकार हमें देह से ममत्व छुड़ाए सम्पूर्ण पावन हिसाब-किताब-मुक्त कराए भय से मुक्त करते, फिर सतयुग में कोई डर नहीं रहता… लेकिन माया याद में रहने नहीं देती, और सभी याद दिलाती, इसलिए अपना चार्ट रख रोज़ उन्नति को पाते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… यही ख्याल रहे, कि जैसे भरतू हो आए थे, ऎसे ही भरतू हो वापिस जाना है… इसलिए सदा बाबा की यादों में रह सर्व खज़ानौं से सम्पन्न, व्यर्थ से मुक्त रहना है… तो स्वतः औरों को भी खजाने बांटते रहेंगे, सतयुग बनाते चलेंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं बालक सो मालिक हूँ

योग कमेंटरी | मैं बालक सो मालिक हूँ image

योग कमेंटरी | मैं बालक सो मालिक हूँ

मैं ईश्वरीय सन्तान … बाबा का बच्चा… बालक सो मालिक हूँ

सदा निरहंकारी… सरल-चित्त… भोलेपन से भरपूर हूँ

मैं स्वराज्य अधिकारी… अपने मन का मालिक… सदा शान्त-चित्त, आन्तरिक खुशी से भरपूर हूँ

बाबा ने मुझे अपना बनाकर… अपने सारे ज्ञान-गुण-शक्तियों का मालिक… सर्व खजा़नों से सम्पन्न कर दिया है

उनकी छत्रछाया में… मैं सदा बेफिक्र… रूहानी मौज का अनुभव करता हूँ… ओम् शान्ति!


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Sakar Murli Churnings 28-03-2019

Sakar Murli Churnings 28-03-2019

पतित-पावन बाबा आकर हमें काम-जीत बनाकर कांटे से फूल बनाते, यही फ़र्स्ट क्लास फ़ैमिली प्लानिंग है, फिर सतयुग में बहुत थोड़े रहेंगे… पावन बनने से ही सतयुग में आ सकेंगे, तो गोरा बन सर्व को गोरा बनाना है, यही श्रेष्ठ कर्म है जिससे सर्वगुण सम्पन्न विश्व का मालिक लक्ष्मी नारायण बनते… भाई भाई की दृष्टि पक्की करनी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा अपनी शुध्द आत्मिक स्थिति में स्थित रह, परमात्म मुहब्बत के झूले में झूलते रहें… तो स्वतः श्रेष्ठ स्थिति रहेंगी, हम श्रेष्ठ सेवा करते रहेंगे, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | रूहानी नैनौं का श्रूंगार | Spiritual Decoration of Eyes

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योग कमेंटरी | रूहानी नैनौं का श्रूंगार | Spiritual Decoration of Eyes

मेरे रूहानी नैन… सबकी विशेषताएं देखते… सबको आत्मिक रूप में देखते

मेरी आँखें शीतल… निर्मल… रहम भाव से भरपूर है

इन नैनों में भगवान समाया हुआ है… और कोई इसमे नहीं बस सकता… रूहानी नूर छलक उठा है

इन आँखों में… पवित्रता की झलक… भोलापन… सरलता चमक रही है

यह आँखें बहुत भाग्यवान है… जिन्होने धरती ? पर आते भगवान को देखा है

इस रूहानी दृष्टि से… सबको शक्तिशाली बनाकर… दुःखों से मुक्त करना है…

जब भी घर से निकले… ऎसे आँखों को सजाकर… सबकी सेवा करनी है… ओम् शान्ति!


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संगमयुग के 25 नाम | 25 Names of Confluence Age

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बाबा कहते अगर इतना भी स्मृति में रहे, कि यह संगमयुग चल रहा है, तो यह भी मनमनाभव है, क्यूँकि इसमे सारा ज्ञान का सार समा जाता है… तो आज विशेष सतगुरूवार के दिन, आपको संगमयुग के 25 नाम भेज रहे हैं… इन्हें प्रेम से बाबा की याद में स्वीकार करना जी

संगमयुग के 25 नाम | 25 Names of Confluence Age

  • संगमयुग, Confluence Age
  • छोटा सा युग, लीप युग, धर्माऊ युग

भगवान का आना!

  • आत्मा और परमात्मा का संगम, मंगल मिलन मेला
  • सुहावना समय, मौजौं का युग

चढ़ना!

  • कल्याणकारी समय
  • चढ़ती कला का युग, उड़ती कला का युग

हीरे-तुल्य समय

  • पुरूषोत्तम युग, Diamond Age, हीरे-तुल्य युग
  • भाग्य बनाने का समय, कल्प-कल्प के recording का समय

परिवर्तन!

  • परिवर्तन का समय
  • कलियुग और सतयुग का संगम
  • कल्प का अमृतवेला

त्योहारों का सार

  • सच्ची होली… बाबा हमारी बुराईयों को खत्म कर, गुणों के रंगों से खेलना सिखाते हैं
  • सच्चा रक्षा-बंधन… बाबा हमें पवित्र की प्रतीज्ञा कराते
  • सच्ची दिवाली… बाबा हमारी ज्योति जगाते
  • सच्चा दशेरा… हम 5 विकारों रूपी रावण पर जीत पाते हैं
  • सच्चा गीता एपिसोड… भगवान् हमें सत्य गीता ज्ञान सुनाते

सार

तो अभी कितना श्रेष्ठ समय चल रहा है… तो चलिए आज सारा दिन, सदा यही स्मृति में रहे कि यह हीरे-तुल्य संगमयुग चल रहा है, भगवान आए हैं, हमें उनके संग में रहकर सदा उन्नति करते रहना है… तो हमारे इस श्रेष्ठ परिवर्तन से विश्व भी परिवर्तन हो सतयुग बन जाएंगा… ओम् शान्ति!

गीत: युगों में पुरुषोत्तम युग…


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Sakar Murli Churnings 27-03-2019

Sakar Murli Churnings 27-03-2019

1. भगवान है बिन्दु रूप जो हमें पावन बनाने आया है, तो वाणी से परे बाबा को याद करते रहना है, तब ही पावन सुखी बनेंगे… आँखों पर पूरी संभाल, समय का ध्यान रखना है… सर्वशक्तिमान बाबा हमारी कितनी रॉयल रूप से पालना कर रहे हैं, तो पूरा पुरूषार्थ करना है (अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करने का)… सबको ईश्वरीय पैगाम भी देते रहना है

आज का वरदान!

2. मन से बाबा कहना है योग, और मुख द्वारा बाबा कहना है सेवा, यह है सबसे सहज विधि… तो सदा दिल से बाबा कहते, उसका प्रत्यक्शफल खुशी और शक्ति अनुभव करते रहे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमारी सब तरह से इतनी श्रेष्ठ पालना कर रहे हैं, तो इसके रिटर्न में सदा ऊँची योगयुक्त स्थिति द्वारा शान्ति, प्रेम, आनंद का अनुभव करते रहे… तो स्वतः सेवा होती रहेंगी, सतयुग बनता रहेगा… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं ताज-तख्त-तीलकधारी हूँ

योग कमेंटरी | मैं ताज-तख्त-तीलकधारी हूँ

बाबा ने मुझे… रूहानी अलौकिक… ताज-तख्त-तीलकधारी बना दिया है

मेरे मस्तक पर आत्मिक स्मृति का तिलक लगाकर… सदा सुहागिन… विजयी रत्न बना दिया है… मैं अकाल-तख्त-नशीन हूँ

बाबा ने अपने दिल-तख्त-नशीन बनाकर… मुझे स्वराज्य अधिकारी… सो विश्व राज्य अधिकारी बना दिया है

मुझ पवित्र आत्मा के… चारों ओर पवित्रता का आभामण्डल है… मैं लाइट का ताजधारी हूँ

विश्व कल्याण की जिम्मेदारी का ताज देकर… डबल ताजधारी बनाया है… अभी, सो सतयुग में

मैं दिव्य दर्शनीय मूर्त… साक्षात्कार मूर्त… बाबा की अति प्रिय आत्मा हूँ… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

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