Creating a powerful attitude & atmosphere! | शक्तिशाली वृत्ति और वायुमण्डल | Baba Milan Murli Churnings 17-10-2019

Creating a powerful attitude & atmosphere! | शक्तिशाली वृत्ति और वायुमण्डल | Baba Milan Murli Churnings 17-10-2019

1. आज प्यार-शक्ति के सागर हम स्नेही-सिकीलधे-लाड़ले बच्चों से स्नेह-मिलन मना रहे… हम सब सहयोगी-साथी बच्चों का एक ही संकल्प-उमंग है (बाबा को प्रत्यक्ष करे), इसके लिए पहले खुद को बाप-समान सम्पन्न-सम्पूर्ण रूप में प्रत्यक्ष करना है, पहले इसकी डेट फिक्स करनी है… लक्ष्य-लक्षण समान करने सिर्फ दृढ़ता चाहिए (हम तो है ही बाप-समान बनने वाले!)… तो पुरूषार्थ सदा तीव्र रहेगा, पेपर्स में सदा पास

2. तीनों सेवाएं एक साथ करनी है (तो ही कम समय में सब सेवाएं होंगी):

  1. मन्सा द्बारा… अनुभव कराना
  2. वाचा द्बारा… ज्ञान के ख़ज़ाने का परिचय देना 
  3. कर्मणा (चेहरे-चलन) द्बारा… सम्पूर्ण योगी जीवन का प्रैक्टिकल-रूप अनुभव कराना

सबसे सहज-श्रेष्ठ सेवा है (जिससे एक जगह बैठ, सारे विश्व-प्रकृति के विश्व-कल्याणकारी बन सकते)… अपनी शुभ भावना-कामना की शक्तिशाली-श्रेष्ठ-रूहानी वृत्ति-वाइब्रेशन द्बारा वायुमण्डल बनाना, जैसे कि मधुबन… इसके लिए उल्टी-व्यर्थ-निगेटिव वृत्ति को अपनी शुभ-भावना द्बारा परिवर्तन करना… चाहें कोई कैसा भी हो, हमें बातें दिल में नहीं बिठानी है (हमारा दिल तो बाबा का तख्त है), जैसे मम्मा-दादी

3. चाहें 99 अवगुण भी क्यों न हो, हमें उनकी विशेषता देखनी है (मेरा बाबा तो कहा, बाबा से अटूट प्यार तो है)… सबसे सहज पुरूषार्थ है दुआ देना, दुआ लेना (हमारी ज़द यादगार भी दुआ देते)… और कुछ हमें नहीं लेना है, एक कान से सुन दूसरे से निकाल देना… हम तो मास्टर क्षमा के सागर है, सबको स्नेह-सहयोग-हिम्मत-उमंग-उत्साह देने वाले

4. निवारण-मूर्त बनने से सब को निर्वाण ले जा सकेंगे… 5 मिनट भी मन की exercise-ड्रिल जरूर करनी है (5 स्वरुपों की ड्रिल), तो खुशी-उमंग-उत्साह उड़ती कला में आ जाएंगे 

5. (टीचर्स से) बाबा की सेवाओं में जीवन देना सर्वश्रेष्ठ संकल्प है, हमारे फीचर्स से फ्यूचर दिखता, हम है ही फरिश्ता सो देवता भव के वरदानी… छोटी बातों में घबराने के बजाए गहराई में जाना है, तो अनुभव के हीरे-मोती मिलते… पेपर भले आए, हम तो है ही पास विद् आनर होने वाले, सिर्फ बाबा के साथ combined रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… दृढ़ता द्बारा बाबा से combined रह, अपनी बाप-समान सम्पन्न-सम्पूर्ण फरिश्ता सो देवता स्थिति का अनुभव करते, मन्सा-वाचा-कर्मणा तीनो सेवाएं साथ-साथ करते रहे… मुख्य बात, अपनी श्रेष्ठ-शुभ वृत्ति द्बारा शक्तिशाली वायुमण्डल बनाते, सब कि विशेषताएं देखते, दुआएं देते दुआएं लेते, व्यर्थ से परे रह… अपने श्रेष्ठ फीचर्स द्बारा सतयुगी फ्यूचर बनाते चले… ओम् शान्ति!


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सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019 image

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

1. ज्ञान-गुण-शक्ति वा श्रेष्ठ संकल्पों के अखण्ड खजा़नों के दाता बाबा ने… हमें अपने नयनों में समाकर सर्व खजा़नों के अधिकारी, बालक सो मालिक बना दिया है… तो अपना जमा का खाता सदा बढ़ाते रहना है, 3 विधियौं द्वारा:

  • स्व-पुरूषार्थ से प्रालब्ध-प्राप्तियों का खाता
  • सन्तुष्ट रह सबको सन्तुष्ट करने से पुण्य का खाता
  • अथक, नि:स्वार्थ, बड़ी दिल से सेवा करने से दुआओं का खाता

2. समय का बाबा ने कई बार इशारा दिया है, इस हीरे-तुल्य संगमयुग का स्लोगन ही है ‘अब नहीं तो कब नहीं’… क्योंकि अब का आधार सारे कल्प के प्रालब्ध से है, अब ही परमात्म-पार्ट नूंधा हुआ है, जब हम परमात्म प्यार-मिलन-ज्ञान-खजा़नों के अधिकारी बनते… हम पद्मापद्म भाग्यशाली है, इसी रूहानी नशे-स्मृति में सदा रहना है ‘वाह मेरा भाग्य वाह!’, तो चेहरा सदा हर्षित रहेगा… सदा शब्द अण्डरलाइन करना है

3. बाबा हमें हर सब्जेक्ट में पास-विथ-ऑनर देखना चाहते, इसलिए तीव्र पुरूषार्थी बनना है, जिसके 2 मुख्य लक्षण हैं:

  • इस देह-भान से नष्टोमोहा बनने से, और चीजें भी सहज भूल जाती… देह-भान की निशानीयां, व्यर्थ संकल्प-समय से बचने का श्रेष्ठ साधन है हर श्वास-संकल्प-कर्म सफल करना… इस संगमयुग में तो बाबा वरदान है ही, सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है
  • कल भी जाना हो, तो भी एवर-रेडी!… एवर-रेडी अर्थात ऑर्डर हो और तुरन्त मन-वचन-कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क में एवर-रेडी… जैसे कि दादीजी थे, स्वभाव-सम्पर्क, कर्म-सेवा, सन्तुष्ट रहनेे-करने सब में Easy!

4. प्रकृति-हलचल की छोटी-छोटी बातों के कारण यह समय नाजुक है… इसलिए आत्मिक स्वरूप, धारणा, ड्रामा के साथ-साथ कर्मों की गुह्य गति पर भी पूरा अटेन्शन रखना है, साधारण संकल्प-समय-कर्म से भी प्रालब्ध में फर्क पड़ता… और हम तो श्रेष्ठ विश्व-कल्याणकारी विश्व-परिवर्तक आत्माएं है, इन्हीं स्वमानों में स्मृति स्वरूप बनना है

5. अभी सेवा के प्लान बनाने के साथ-साथ, मुख्य आवश्यकता है… मास्टर ज्ञान सूर्य बन सबको शक्तियों की सकाश, सुख-शान्ति की किरणें दे दुःख-अशान्ति से मुक्त करना, शक्तिशाली वृत्ति से वायुमण्डल परिवर्तन करना… इस श्रेष्ठ सेवा में मन को busy रखने से सहज मायाजीत बनते, बातों को छोटी साइडसीन समझ साक्षी हो देख सकते

6. समय, बाबा, एडवांस पार्टी सब हमारा इन्तज़ार कर रहे है, मुक्ति के गेट खोलने… इसलिए मास्टर सर्वशक्तिमान बनना है, दृढ़ता से जो नहीं करना वो नहीं करना है!

7. हम सभी मधुबन के श्रृंगार डबल पुरूषार्थी है… Last सो फास्ट जाने के लिए कमाल करके दिखाना है… हिम्मत का पहला कदम उठाना है, तो बाप-परिवार की पद्मगुणा मदद मिलेंगी… मधुबन से जो सेवा का बल-फल अतिन्द्रीय सुख मिला है, वह सदा कायम रखना है… विघ्न-विनाशक बनकर

8. निर्विघ्न, निर्विकल्प, नीर-व्यर्थ जरूर बनना है… प्रदर्शनी-मेले विंग-कॉन्फ्रेंस स्नेह-मिलन से ऊपर कुछ नई invention निकालनी है, शॉर्ट & स्वीट (और सस्ती!)… बाबा को इस blog की invention के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!!

सार

तो चलिए बाबा की अगली season तक… बाबा को सच्चा शुक्रिया कहने लिए,… इस हीरे-तुल्य संगमयुग पर सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन, मास्टर ज्ञान सूर्य बन सबको सुख-शान्ति-शक्तियां बांटते रहे … वाह मेरा भाग्य वाह! के गीत गाते सदा श्रेष्ठ स्वमानों के स्मृति स्वरूप बन ever-ready रहे… तो हम बहुत ही थोड़े समय में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


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योग कमेंटरी | मैं अनुभवी-मूर्त सन्तुष्ट-मणि हूँ | I’m an experienced Jewel of Contentment | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019

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योग कमेंटरी | मैं अनुभवी-मूर्त सन्तुष्ट-मणि हूँ | I’m an experienced Jewel of Contentment | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019

मैं सन्तुष्ट-मणि हूँ… परिस्थितियों को मनोरंजन अनुभव करने वाली… अनुभव की सीट पर सेट… मायाजीत हूँ

मैं सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न… सदा सन्तुष्ट… हर्षित… प्रसन्न- चित्त हूँ

बाबा ने मुझे वरदान दिया है, ‘खुश रहो, आबाद रहो’… मैं समाधान स्वरूप… सदा बाबा के लव में लीन हूँ, सदा उनके साथ हूँ 

मेरे श्रेष्ठ वाइब्रेशन से… श्रेष्ठ वायुमण्डल बनता… जो सबको सहयोग देता

मैं सदा दृढ़ता सम्पन्न… सफलता-मूर्त हूँ… स्वयं प्रिय… बाप को… और सर्व को प्रिय हूँ… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी’

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Becoming a Jewel of Contentment through the Authority of Experience | अनुभव की अथॉरिटी द्वारा सन्तुष्ट-मणि बनें | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019

Becoming a Jewel of Contentment through the Authority of Experience अनुभव की अथॉरिटी द्वारा सन्तुष्ट-मणि बनें | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019

Becoming a Jewel of Contentment through the Authority of Experience | अनुभव की अथॉरिटी द्वारा सन्तुष्ट-मणि बनें | Baba Milan Murli Churnings 18-03-2019 image

1. सर्व प्राप्ति सम्पन्न होने के कारण हम सन्तुष्ट-मणियां हैं,.. और इस महान शक्ति सन्तुष्टता से अनेकानेक प्राप्तियां हैं:

  • और सभी शक्तियों का आह्वान होता
  • चेहरा चमक उठता, हम हर्षितमुख, प्रसन्न-चित्त बनते
  • श्रेष्ठ वाइब्रेशन का वायुमण्डल बनाता… स्वयं, बाप, परिवार सभी के प्रिय बनते
  • परिस्थिति वार कर परेशान नहीं कर सकती, वह मनोरंजन अनुभव होती, सहज पार करते

इसलिए बाबा दाता बन रोज अमृतवेले हमें वरदान देते ‘खुश रहो, आबाद रहो’… तो जैसे हम, बाबा, खजाने, वरदान सब अविनाशी सदा के लिए है, हमें भी कभी-कभी शब्द छोड़ चेक करना है हम कहाँ तक सर्वशक्तियो-गुणों से सम्पन्न, सम्पूर्ण, समान बनें है

2. वरदानों को नोट-वर्णन करने के साथ, उन्हें कार्य में लाकर फलीभूत करना है, तो उसकी और वृद्धि होगी… बाबा इसी लिए हमें वरदान देते

3. गे-गे (करेंगे, देखेंगे, आदि) कि भाषा छोड़ दृढ़ता (जो हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है) की चाबी से सफलता को प्राप्त करना है… कारण शब्द को निवारण में परिवर्तन कर समाधान-स्वरूप बनना है… इस बाबा की आश को पूर्ण कर प्यार का सच्चा-सच्चा सबूत देना है… यही है सच्चा परवाना बन, रूहानी शमा बाप पर कुर्बान-फिदा होना

4. सेवा के उमंग-उत्साह की रिज़ल्ट में हम सभी पास है, इसके साथ अचानक में पास होने के लिए… ज्ञानी योगी धारणा-मूर्त सेवाधारी बनने के साथ चारों सब्जेक्ट में अनुभवी-मूर्त बनना है… तो ज्ञान समझ बनकर हर कर्म में लाइट और माइट, हर कर्म नैचुरल श्रेष्ठ और सफल बन जाएंगा …यह अनुभव की अथॉरिटी सबसे श्रेष्ठ अथॉरिटी वा शक्ति है, जो मायाजीत बनाती

5. तीव्र गति की उड़ती कला के पुरूषार्थ के वाइब्रेशन द्वारा, सहयोग का वायुमण्डल बनाना है… जब हम प्रकृति को भी परिवर्तन करने की चैलेंज देते हैं, तो मनुष्य आत्माओं को तो दुःख-अशान्ति से मुक्त कर ही सकते… हमारा तो बाबा से वायदा है, साथ चलेंगे साथ रहेंगे साथ हैं… बाबा भी इन्तज़ार कर रहा है, तो हमें इन्तज़ाम जरूर करना है

6. लक्ष्य-लक्षण एक करने के लिए हम जो कहते, उसका अनुभव भी करना है… सबसे सहज सिर्फ एक ‘मैं आत्मा हूँ‘ इसके अनुभवी बन जाओ… तीन बिन्दु के स्मृति-स्वरूप बनो

7. कभी अकेला नहीं होना, सदा बाप से combined रह उनकी कम्पनी में रहना है… अमर भव के वरदान द्वारा माया से सदा सेफ रहना है… हम शेर है, उमंग उत्साह से यज्ञ सेवा कर बहुत पुण्य का खाता जमा किया है, जो लम्बा समय काम आएँगा… अपने तीव्र पुरूषार्थ द्वारा बाबा को प्रत्यक्ष जरुर करना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के लव में लवलीन रह सर्व प्राप्तियों से सम्पन्न सन्तुष्ट-मणि बने… स्वराज्य अधिकारी स्थिति द्वारा सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हो औरों को भी उत्साह मैं लाते रहे… तो हम बहुत ही जल्द सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

Happy Birthday, Baba! | हम सभी को जन्म-दिन की बहुत बहुत बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो… | Baba Milan Murli Churnings 03-03-2019

Happy Birthday, Baba! | हम सभी को जन्म-दिन की बहुत बहुत बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो... | Baba Milan Murli Churnings 03-03-2019 image

Happy Birthday, Baba! | हम सभी को जन्म-दिन की बहुत बहुत बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो… | Baba Milan Murli Churnings 03-03-2019

1. हम स्नेह के विमान में बैठ बाबा के पास सहज पहुँच गए हैं, लवलीन स्थिति में परमात्म प्यार के झूले में झूल रहे हैं… बाबा भी हमारे स्नेह में समा गए हैं… यह स्नेह हमें सहज बाप समान ashariri, व्यक्त भान से परे अव्यक्त स्थिति अव्यक्त स्वरूप में स्थित कर देता है

2. हम शिव जयन्ती वा शिव रात्रि मनाने, अर्थात बाप वा अपना जन्मदिन मनाने आए हैं… बाबा भी वतन से नीचे आ गए हैं… यह बर्थ-डे सारे कल्प में न्यारा प्यारा है, क्योंकि:

  • परमात्मा स्वयं हमारा बर्थडे मनाते, हम भी उनका मनाते
  • बाप और बच्चे दोनों का जन्मदिन एक साथ एक ही दिन आता
  • यह शिव जयन्ती (birthday) भी है, तो शिवरात्रि (कलियुग रात परिवर्तन हो सतयुग स्थापन होने की घड़ियां) भी है

तो बाबा इस विशेष दिन की बहुत बढ़ाइया, मुबारक, दुआ, और दिल का याद-प्यार देते हैं

3. हमारे दिव्य जन्म के श्रेष्ठ अलौकिक कर्म ही भक्त copy करते… हम सम्पूर्ण जीवन मन-वाणी-कर्म-भोजन-सम्बन्ध-सम्पर्क में पवित्र रहते, इसलिए भी एक दिन पवित्र रहते… यह पवित्रता ही foundation है ब्राह्मण जीवन का, पूज्य बनने का, प्राप्तियां अनुभव करने का…

4. तो जैसे प्यार में हम पक्के है, वैसे इस पवित्रता के व्रत को पक्का करना है… इसके लिए माया को विदाई देना है (वह भले आए, हमें उसके प्रभाव से न्यारे रह, उसे दूर से ही भगा देना है, बिठाने की आदत नहीं डालनी है अलबेलेपन-वश) … तो फिर:

  • हमारे सूरत में बाप की मूरत दिखाई देंगी, सदा सम्पन्न नैन-मुखड़ा बाप समान… चेहरा व्यर्थ के प्रभाव, उदासी वा मेहनत से परे सदा मुस्कुराता गुलाब समान बन जाएंगा
  • बोल बाप समान वरदानी हो जाएँगे

5. बाबा ने समय की समीपता वा अचानक होने का इशारा बहुत बार दिया है, इसलिए अलर्ट-एवररेडी बनना है… मन-बुद्धि को क्लीन-क्लियर रखना है ताकि बाबा की श्रीमत-directions की touching कैच कर सके… इसके लिए साइलेंस पावर जमा करना है, जिसकी बैंक अभी ही खुलती हैं, एक-एक second वा minute भी स्वीट साइलेंस की अनुभुती में खो जाने की ड्रिल करनी है… तो औरों को सहयोग-sakash दे पाएंगे… पश्चाताप से बच जाएंगे, बाबा की मुबारक लेंगे

6. हमने सबसे बड़े विदेशी बाबा को नीचे खींच लिया है, हम बाबा के घर का श्रूंगार है… तो सदा indoor (अर्थात अन्तर्मुखी) हो बाबा की परिवर्तन की आशाओं को पूर्ण कर number वन बनना है… नम्बरवन विजयी भव का वरदान सदा याद रखना है

सार

तो चलिए इस रूहानी अलौकिक जन्म-दिन पर… सदा परमात्म प्यार के झूले में झूलते रह, सदा श्रेष्ठ स्थित और प्राप्तियों का अनुभव करतेे रहे… इस पवित्रता के बल द्वारा एसा silence power से सम्पन्न रहे, कि औरों को भी स्वतः सर्वश्रेष्ठ सहयोग मिलता रहे… ऎसे स्व-उन्नति और विश्व-सेवा के बैलेंस द्वारा हम बहुत ही जल्द परमात्मा छत्रछाया में रहते सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | Remaining set on the seat of self-respect | स्वमान-धारी रहना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

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Remaining in Self Respect always| स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

Remaining in Self Respect always | स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019 image

Remaining in Self Respect always | स्वमान में स्थित रह समय को पहचानना | Baba Milan Murli Churnings 17-02-2019

1. वैसे तो हम सभी परमात्म प्यार के पात्र स्वमान की सीट पर सेट हैं, लेकिन कोई एकाग्रता सेेे सेट है, कोई बार-बार अपसेट होते हैं… बाबा भी हमें एकाग्र-चित्त देखना चाहते, हम भी एकरस रहना चाहते… इसके लिए सिर्फ़ attention रखना है, हमें बाबा ने कितने स्वमान दिए हैं:

  • हम बाबा की पहली रचना, direct नम्बरवन सन्तान है
  • हम परमात्म दिल-तख्त-नशीन, लाइट के ताज-धारी, श्रेष्ठ स्मृति (हम कौन है, हमारा स्वमान क्या है) के तिलक-धारी है
  • हम ब्राह्मण सो फरिश्ता सो देवता है
  • हम विशेष पूर्वज, पूज्य, आधार-मूर्त, उद्धार-मूर्त उदाहरण-मूर्त आत्माएं हैं
  • हम बालक सो मालिक है, सर्व अविनाशी बेहद अनगिनत अख़ुत खजानों के मालिक हैं
  • हम मास्टर सर्वशक्तिमान है

जब इस स्वमान की शान को भूलते हैं, तब ही देह-भान देह-अभिमान से परेशान अपसेट होते हैं… इसलिए knowledgeful के साथ-साथ powerful भी बनना है

2. अभी स्वमान की सीट पर सदा सेट रहना है, इस सदा शब्द को प्रैक्टिकल लाइफ में underline करना है… करना चाहते हैं करेंगे नहीं, करना ही है!

3. मेरा बाबा कहना अर्थात शिवबाबा के साथी बनकर जाना (बाराती नहीं!), और ब्रह्मा बाबा के साथ आदि में आना… प्यार की निशानी वा सबूत ही है श्रीमत का हाथ पकड़कर साथ रहना, साथ चलना, साथ आना… इस वायदे को याद रख, निभाने में ही फायदा है

4. जीतना स्वमान में रहते, समय का महत्व realize होता… यह महान संगमयुग बहुत छोटा सा युग है, जिसमें सारे कल्प के भाग्य केे बीज बोए जाते हैं… हमारे शरीर का विनाश कभी भी हो सकता है, इसलिए अलबेलापन छोड़ अलर्ट, होशियार, खबरदार, ever-ready रहना है… पाना था सो पा लिया, इसी नशे में रहना है!

5. मेरा बाबा कहा अर्थात विश्व कल्याण के जिम्मेवारी के लाइट का ताज मिलना (हमारा प्रभाव सब पर पड़ता है)… तो अभी डबल सेवा करनी है, एक ही समय स्वयं और विश्व दोनों की सेवा साथ-साथ… सारे विश्व में सुख-शान्ति की किरणें फैलानी है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा के दिए हुए भिन्न-भिन्न स्वमानों को स्मृति में रख सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित रह, डबल सेवा करते रहे… तो समय के महत्व को realize कर, सर्व खजा़नों से सम्पन्न ever-ready रहेंगे… जिससे हम बहुत ही जल्दी सबको दुःखों से लिबरेट कर सतयुग की स्थापना सम्पन्न कर लेंगे… ओम् शान्ति!

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