Sakar Murli Churnings 16-03-2019

Sakar Murli Churnings 16-03-2019

जब हम सतोप्रधान थे, हमारा आपस में बहुत रूहानी प्रेम था, हम बहुत मीठे सुखदाई थे… तो औरों के अवगुण आदि देखना सबकुछ भूल एक बाप की याद में लग जाना है, क्यूंकि मंज़िल बहुत ऊंची है… इसलिए चेक करते रहना है, हम देही अभीमानी कितना बने है, हम कितना बाबा को याद करते, श्रीमत पर चल, कितनी सर्विस करते हैं… बहुत खुशी में जरूर रहना है, कि स्वयं भगवान हमें पढ़ाकर विश्व का मालिक बना रहे हैं

सार

तो चलिए आज सारा दिन… आत्मिक, परमात्मा की और प्रैक्टिकल जीवन की लाइट द्वारा ज्ञान का चिन्तन और बाबा की याद द्वारा सदा श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते रहे… तो स्वतः हमारे श्रेष्ठ वाइब्रेशन, बोल और व्यवहार द्वारा औरों को भी श्रेष्ठ गुणवान बनने की प्रेरणा मिलती रहेंगी, हम सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं गोपी-वल्लभ की गोपी हूँ | I’m a Gopi

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योग कमेंटरी | मैं गोपी-वल्लभ की गोपी हूँ | I’m a Gopi

गोपी-वल्लभ बाबा… कि मैं गोपी हूँ… सदा उनके प्यार में लवलीन

मैं परमात्म प्रेम से भरपूर हूँ… उसकी याद में सबकुछ भूली हुई हूँ… वो मेरी पूरी जीवन संभाल रहा है

मैं मुरली की दीवानी… मुरली सुनते, सदा अतिन्द्रीय सुख का अनुभव करती हूँ… मेरा मन खुशी में नाच उठता है

मैं सदा खुश… सन्तुष्ट… प्रसन्न-चित्त हूँ

मेरा चेहरा-चलन सबको खुशी बांटता… सबकी सेवा हो रही है… सभी ईश्वर से जुड़ रहे हैं… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनने… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

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Sakar Murli Churnings 15-03-2019

Sakar Murli Churnings 15-03-2019

संगम पर बाबा हमें अपना बनाकर, ज्ञान (अपना वा सृष्टि ड्रामा का) सुनाकर विश्व का मालिक बनाते हैं… तो बाबा को बहुत प्रेम से याद करना है, नई-नई पॉइन्ट्‍स attention से सुननी है, अन्तर्मुख हो विचार सागर मंथन कर खुशी और नशे में रहना है, औरों को भी सुनाकर खुशी बांंटते रहना है बाप समान टीचर बन

सार

तो चलिए आज सारा दिन… मैं गोपी वल्लभ की गोपी हूँ, इसी स्मृति में रह, सदा अतिन्द्रीय सुख में झूमते रहे… औरों को भी सुख का रास्ता बताते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 14-03-2019

Sakar Murli Churnings 14-03-2019

1. बाबा हमें सच्चा-सच्चा ज्ञान दे राजयोग सिखाकर पावन पूज्य दिव्यगुण-सम्पन्न विश्व का मालिक बनाते हैं… तो अपने को आत्मा समझ बाबा को याद कर पावन एवर-हेल्थी बनना है

2. जैसे बाबा निरहंकारी सादगी-सम्पन्न है, निष्काम सेवा करते, हमें भी बाप समान बनना है… बुद्धि से सबकुछ बाबा को सौप सच्चा-सच्चा ट्रस्टी बनना है

गीत: बाबा कितने निरहंकारी…

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सबकुछ बाबा को सौप डबल लाइट फरिश्ता बन उड़ते चले… औरों को भी उड़ाते अर्थात शान्ति, प्रेम खुशी का बहुत हल्का सुखद अनुभव कराते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

आत्म-अभीमानी बनने से 131 प्राप्तियां | 131 Benefits of Soul Consciousness

आत्म-अभीमानी रहने से 130 प्राप्तियां | 130 Benefits of Soul Consciousness image

बाबा हमें रोज़ आत्म-अभीमानी बनने की प्रेरणा देते हैं… और जब हमें किसी भी अभ्यास की प्राप्तियां स्मृति में रहती, तो उसे करने की हमारी लगन कुछ और ही होती… तो आज आपको आत्म-अभीमानी बनने से 131 प्राप्तियां भेज रहे हैं, आपके पुरूषार्थ को और तीव्र बनाने का सहयोग देने… इन्हें प्रेम से स्वीकार करना जी

आत्म-अभीमानी बनने से 131 प्राप्तियां | 131 Benefits of Soul Consciousness

(हर एक भिन्न पॉइंट को गहरे अक्षरों में लिखा है)

तन, मन, धन, सम्बन्ध, सम्पर्क, समाज, प्रकृति

  • तन… स्वस्थ रहता, नींद अच्छी आती, हम अथक रहते
  • मन… शान्त, खुश, सन्तुष्ट, शुध्द, भय से मुक्त रहता… शक्ति बचती
  • धन…एकाग्रता, कार्य-क्षमता, रचनात्मकता, और कार्य-सन्तुष्टता बढ़ती
  • सम्बन्ध… सहज होते, औरों का नकारात्मक प्रभाव हमपे कम होता, उनको गुणों का दान दे सकते
  • सम्पर्क… हल्के, सफल, सन्तुष्टता-पूर्वक रहते
  • समाज… अच्छा सहयोग, योगदान दे सकते
  • प्रकृति… को पवित्र वाइब्रेशन मिलते

स्मृति, स्थिति, संकल्प, बोल, कर्म

  • स्मृति… श्रेष्ठ, पवित्र रहती
  • स्थिति… श्रेष्ठ, हल्की, शक्तिशाली, सुख-दायी बनती
  • चेहरा… हर्षित रहता, रूहानी मुस्कान रहती
  • चलन… श्रेष्ठ, बाप-समान
  • आँखे… शीतल, निर्मल
  • दृष्टि… विशेषताएं देखेंगे, भाई-भाई की दृष्टि सहज रहेंगी
  • वृत्ति… सबके लिए शुभ भावना से सम्पन्न
  • वातावरण… शुध्द, शक्तिशाली, योगयुक्त बनता
  • संकल्प… धैर्यवत और एकाग्र होंगे… व्यर्थ, नकारात्मक, अपवित्र संकल्प नहीं आएंगे
  • स्वप्न… शुध्द, हल्के, गुणों से सम्बन्धित आएंगे
  • बोल… स्वतः कम, धीरे, मीठे, योगयुक्त, युक्तियुक्त, आवश्यक निकलेंगे
  • कर्म… प्रेरणा-दायी, सुख-दायी होंगे
  • व्यवहार… रॉयल, सम्मान-पूर्वक
  • चाल.. फरिश्तों जैसी
  • सेवा… सहज होगी, पल-पल होगी, अच्छी होगी, तीर लगेगा, वृद्धि होगी, हम साक्षात्कार मूर्त बनते

पास्ट का प्रभाव कम, वर्तमान में रहते, भविष्य की चिन्ता कम

ज्ञान, गुण, शक्तियों का अनुभव

मुरली सुनने में अतिन्द्रीय सुख अनुभव होता… ज्ञान गहराई से, अच्छे से, सहज समझ आता, याद रहता, विचार सागर मंथन सहज, स्वदर्शन चक्रधारी सहज, स्मृति स्वरूप बनते…  दिव्यगुणों की धारणा अच्छी होती

बुद्धि स्थिर, अनुभव सहज… गुणों का अनुभव… ज्ञान-स्वरूप, पवित्रता, शान्ति, प्रेम, खुशी, सुख, आनंद

शक्तियों का विकास.. विस्तार को सार, समेटने की शक्ति, समाने की शक्ति, सहन, परखने, निर्णय, सामना, सहयोग, साइलेंस पावर, touching, catching, controlling, ruling power, मेहसुस्ता शक्ति, अन्तर आत्मा की आवाज सुनाई देती

स्वमान आत्म-विश्वास बढ़ता, हिम्मत बढ़ती… निर्माण नम्रचित्त निरहंकारी रहते, फीलिंग कम

बाबा, श्रीमत, माया

बाबा की याद सहज, लम्बा समय रहती

श्रीमत पालन होती… हम आज्ञाकारी, वफादार, फरमानवरदार, सपूत, ईमानदार बनते… बाबा राज़ी रहते.. हम प्रभु पसन्द बनते

फॉलो फ़ादर होता, हमारा पद ऊंचा बनता

पुराने संस्कार मर्ज हो जाते, माया कमझोर होती, विकारों का प्रभाव कम, मेहनत कम, युद्ध नहीं, प्राप्ति ज्यादा

आकर्षण, आसक्ती कम… त्याग, वैराग्य सहज

सार (131 Benefits of Soul Consciousness)

तो चलिए आज सारा दिन.. आत्म-अभीमानी बनने के हमारे पहले पाठ का फ़ाउंडेशन इतना पक्का कर दे, कि उसके आधार पर हम सहज ईश्वरीय जीवन में आगे बढ़ते, चारों सब्जेक्ट में तेज़ उन्नति करते रहे… सदा शान्ति, प्रेम और खुशी का अनुभव करते, औरों को भी कराते रहें… और इसी आत्म-बल के आधार पर बहुत ही जल्द सतयुग लाने के निमित्त बन जाएं… ओम् शान्ति!


कुछ योग कमेंटरी:

Also read:

Also read: Creating a soul-conscious stage (published in ‘The World Renewal’ magazine)


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Sakar Murli Churnings 13-03-2019

Sakar Murli Churnings 13-03-2019

इस संगम पर भगवान् हमें राजयोग सिखाकर सद्गति कर देते, अर्थात जीवनमुक्त सर्वगुण-सम्पन्न पवित्र देवता बना देते… इसलिए अन्तर्मुखी रह देही-अभीमानी बनना है, माया के तूफानों से घबराना नहीं है… इसके लिए पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना, विचार सागर मंथन करना है, औरों से सिर्फ गुण ही उठाने है… हम शिव शक्ति सेना है, इसलिए सेवा में उमंग उत्साह से आगे बढ़ते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें स्वयं भगवान् ने सर्वश्रेष्ट राजयोग सिखा दिया है, तो इसके अभ्यास द्वारा राजाओं का राजा अर्थात मान का राजा स्वराज्य अधिकारी बन सदा शान्ति, प्रेम और आनन्द के अनुभव में रह.. औरों को भी अनुभव कराते रहे, सतयुग बनाते चले.. ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं दिव्य आत्मा हूँ | I’m a divine soul

योग कमेंटरी | मैं दिव्य आत्मा हूँ | I'm a divine soul image

योग कमेंटरी | मैं दिव्य आत्मा हूँ | I’m a divine soul

मैं दिव्य आत्मा हूँ… सम्पूर्ण सतोप्रधान… Fully charged

मैं सदा श्रेष्ठ स्थिति में स्थित… सदा शान्ति… प्रेम… और आनंद का अनुभव करती हूँ

मेरी आँखें शीतल… बोल मधुर… कर्म श्रेष्ठ वा अलौकिक हैं

मैं देवता हूँ… सबको देने वाला… प्यार, सम्मान, विश्वास आदि

सभी को दिव्यता का अनुभव हो रहा है… दिव्य बनने की प्रेरणा मिल रही है… दैवी दुनिया सतयुग स्थापन हो रही है… ओम् शान्ति!

गीत: दिव्यगुणों के गुलदस्ते से…


और योग कमेंटरी:

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Sakar Murli Churnings 12-03-2019

Sakar Murli Churnings 12-03-2019

1. जितना आत्म-अभीमानी (हम अविनाशी आत्मा है, शरीर द्वारा पार्ट बजाते, 84 जन्मों का पार्ट बजाया है, औरों को भी आत्मा भाई के रूप में देखना है) और परमात्म-अभीमानी बनते… बहुत खुशी रहती, दृष्टि बड़ी मीठी banti, उल्टे सुलते शब्द द्वारा किसी को दुख नहीं देंगे, क्षीरखण्ड बन प्यार से रहेंगे

2. सबको यही समझाना है… कैसे इस संगम पर भगवान ब्रह्मा तन में आकर यथार्थ योग सीखाकर आदि सनातन देवी-देवता धर्म स्थापन करते हैं

3. अपने पोतामेल अवश्य रखना है, हम कितना समय आत्म-अभीमानी रहते, क्यूंकि बहुत लम्बे समय का शरीर देखने का अभ्यास है… सब को रास्ता बताना है, किसी को दुःख नहीं देना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा योगयुक्त शुध्द पवित्र स्थिति में रह, सदा शान्ति प्रेम और आनंद-मय हल्की स्थिति अनुभव करते रहे… इस अवस्था में सेवा करेंगे तो सभी सहज समझ जाएंगे, हम बहुत जल्द सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं राजऋशी हूँ

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योग कमेंटरी | मैं राजऋशी हूँ

मैं राजऋशी हूँ… राजा भी… ऋशी भी

मैं बालक सो मालिक… सर्व खजा़नों का मालिक… स्वराज्य अधिकारी हूँ

मैं पवित्र, त्यागी तपस्वी हूँ… बुराइयों को त्याग कर… श्रेष्ठ स्थिति का भाग्य प्राप्त कर लिया है

मैं श्रेष्ठ स्थिति का आसन-धारी हूँ… कल्प वृक्ष की जड़ों में विराजमान… तपस्वी हूँ … मेरे श्रेष्ठ वाइब्रेशन सारे वृक्ष को पहुंचते… उनकी पालना करते हैं

मेरा तो एक शिवबाबा है… उनकी याद से मैं सर्व प्राप्ति सम्पन्न बना हूँ… सबको यह ख़ज़ाने बांटता हूँ… ओम् शान्ति!

गीत: महाज्योति को याद करो, हे योगी बड़े प्यार से…


और योग कमेंटरी:

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Sakar Murli Churnings 11-03-2019

Sakar Murli Churnings 11-03-2019

सदा यही स्मृति में रखना, कि हम परमात्म बाप की रूहानी यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं, तो बहुत खुशी रहेंगी और दैवीगुण भी धारण करने है (क्रोध आदि छोड़ देना है)… इसके लिए बाबा को याद करना है, तो लक्ष्मी नारायण समान बन जाएँगे… सर्विस करते रहना है (बैज व चित्रों द्वारा, म्यूज़ियम आदि में), ज्ञान की उछल अवश्य आनी चाहिए

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं भगवान् ने हमें चुनकर अपना बनाया है, तो ज्ञान योग धारणा सेवा में सर्वश्रेष्ठ दौड़ी लगाए… नम्बर वन बनने के लिए योगबल द्वारा व्यर्थ को समर्थ में परिवर्तन करते रहें… औरों को भी समर्थ बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!