योग कमेंटरी | बालक सो मालिक-पन का नशा

योग कमेंटरी | बालक सो मालिक-पन का नशा

मैं बालक सो मालिक… सर्व खजानों, प्राप्तियों, शक्तियों से सम्पंन… बाप समान स्थिति में स्थित हूँ… एक बाबा दूसरा न कोई

शुभ संकल्पों की शक्ति से भरपूर… सर्व के लिए दाता-वरदाता… शुभ भावना स्वरूप… मन्सा द्वारा विश्व सेवाधारी हूँ

मैं विघ्न विनाशक… समाधान स्वरूप… दृढ़ता सम्पन्न तपस्वी हूँ… बाबा की गोदी में सदा झूलती रहती

मैं सदा सन्तुष्ट… प्रसन्न-चित्त… रियल गोल्ड आत्मा हूँ…. गोल्डन दुनिया सतयुग स्थापन करने वाली… ओम् शान्ति!


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