कविता – बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट

(ओ मेरे मीठे बाबा, किन शब्दों में करे तेरा धन्यवाद)
बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट
तुझको पाकर बनेे हम सारे विश्व से रिचेस्ट
ओ मेरे मीठे बाबा..

हथेली पर लाकर स्वर्ग की सौगात, बनाया हमे पद्मापद्म भाग्यवान
शान्ति प्यार खुशी का पाकर दिव्य ख़ज़ाना, बने सतोगुणी सर्वशक्तिमान
इतनी सौगातें हम पर है बरसाई, जीवन में आई अब खुशहाली
जीवन बनी डी बेस्ट
(बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट)

मिली ईश्वरीय नॉलेज की की ?, कराई सर्व ख़ज़ानों की प्राप्ति
बाबा शब्द ऐसी है जादूई चाबी ?️, सर्व शक्तियां इसमे है समाई
बनकर तेरी मीठी सजनिया, मिली ऐसी निराली चाबियां
समाप्त हुआ सब वेेस्ट, मन को मिला सच्चा रेस्ट
(बनाया हमे हाइएस्ट होलीएस्ट और हैप्पीएस्ट)


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जन्म-जन्म की प्राप्तियों को जमा करने स्वराज्य-अधिकारी बन समय-संकल्प को मन्सा सेवा द्वारा सफल करे | Baba Milan Murli Churnings 24-11-2020

जन्म-जन्म की प्राप्तियों को जमा करने स्वराज्य-अधिकारी बन समय-संकल्प को मन्सा सेवा द्वारा सफल करे | Baba Milan Murli Churnings 24-11-2020

1. आज ग्रेट ग्रेट ग्रैण्ड फादर अपने कोटों में कोई में भी कोई बच्चों की भाग्य की रेखाएं देख रहे:

  • मस्तक पर चमकता दिव्य सितारा
  • नैनों में स्नेह
  • मुख में ज्ञान
  • दिल में, दिलाराम के लवलीन
  • हाथों में ज्ञान का ख़ज़ाना
  • पांव में, कदम में पदम

हमारे जैसा भाग्य और किसी का नहीं, जो चमकता रहता, अविनाशी है (स्वयं अविनाशी बाप द्वारा संगम पर मिलता, फिर जन्म-जन्म चलता)… संगम है ही कल्प के सर्वश्रेष्ठ प्राप्तियों का युग (जितना अनेक जन्मों लिए भाग्य बनाना चाहो, बना सकते), इसलिए चेक करना हम कहां तक प्राप्तियों से सम्पन्न बने हैं और उन अनुभवों में रहते

2. बाबा हमें स्वराज्य अधिकारी अर्थात्‌ कर्मेन्द्रियों-मन-बुद्धि-संस्कारों का राजा-अधिकारों-कंट्रोल में देखना चाहते, जबकि सर्वशक्तिमान द्वारा सर्व शक्तियों का ख़ज़ाना प्राप्त है (तो अपनी रूलिंग-कंट्रोलिंग पावर चेक करना)… बाबा साथ है तो कोई कर्मेन्द्रिय की ताकत नहीं जो कंट्रोल में न रहे, इसलिए शिवशक्ति (कम्बाइन्ड) स्वरुप की स्मृति द्वारा मायाजीत-प्रकृतिजीत बनना है

3. प्रकृति के पेपर तो आयेंगे (मनुष्य ने प्रकृति को तंग किया है), हमे तो प्रकृति को सतोप्रधान बनाना है… सृष्टि भय में है, और हमें स्वर्णिम संसार के आने की खुशी है, संगम-अमृतवेला बाद सतयुगी-सवेरा आया की आया!)… तो जो खुशी की किरणें बाबा से मिली, वह सब को दिलाने लिए विशेष टाइम सेट करना है (वरदान देने, दु़ःखी-अशान्त को, सब अपने ही है, तरस पड़ना चाहिए)

4. संगम के अमूल्य ख़ज़ाने है संकल्प-समय (जिनसे जन्म-जन्म की प्रालब्ध बनानी है), तो इनके मूल्य को जान व्यर्थ को फिनिश कर सफल कर सफलता-मूर्त बनना है (जैसे स्थूल धन जमा करते)… अब बाबा वरदान दे रहे टेंशन-फ्री, नो-टेंशन बनना (मनजीते-जगतजीत, हम मन के मालिक है, बाबा के वरदान का अनुभव करके देखना है, थोड़ा सा अटेंशन रख)… चेहरा गुलाब-पुष्प समान खिला हुआ दिखेगा

5. बाबा सबकी रिजल्ट की मुबारक देते.. अब वाणी के साथ मन्सा-चेहरे-चलन से सेवा करनी है (अभी का अभ्यास आगे काम आयेगा)… टेंशन की दुनिया में टेंशन-फ्री बनने के अनुभव-चेहरे-चलन द्वारा एक्जैम्पुल बन, सहारा बनना है… अब दृढ़ता द्वारा टेंशन-फ्री होकर ही दिखाना है, भल समस्याएं आये

6.

  • (ब्रह्मा बाबा को पसंद राजस्थान)… मधुबन भी यहां बनाया, वृद्धि अच्छी हैै (नयों को परिचय देने के प्रोग्राम्स अच्छे), अब सेवा-स्व के बैलेन्स द्वारा निर्विघ्न बन सभी को उड़ाना है
  • (डबल नशा-उमंग वाले डबल फॉरेनर्स)… सच्ची दिल से बोलते-समाधान करते (साफ दिल तो हजूर हाजिर!), सदा उड़ते-उड़ाते रहना
  • (याद-प्यार)… पुरुषार्थ में आगे बढते-बढ़ाने की मुबारक, अब तीव्र पुरुषार्थ द्वारा सेकण्ड में बिन्दु लगाने का अभ्यास आवश्यक (अचानक कुछ न कुछ होना ही है), बाबा की शुभ आश है साथ है-रहेंगे-चलेंगे

सार (चिन्तन)

सदा अपने पद्मापद्म-भाग्यशाली स्वरूप को स्मृति में रख, शिवशक्ति-कम्बाइन्ड स्वरूप द्वारा स्वराज्य अधिकारी बन… अपने संकल्प-समय को सफल करने टेंशन-फ्री बनने के एक्जैम्पुल द्वारा चेहरे-चलन-मन्सा से सबकी सेवा करते… संगम की अविनाशी प्राप्तियों द्वारा जन्म-जन्म का भाग्य जमा करते-कराते, सतयुगी सवेरा लाते चले… ओम् शान्ति!


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कविता | बनाया अपने दिलतख्त-नशीन

बनाया अपने दिलतख्त-नशीन, रखा हमे अपने बिल्कुल समीप
मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति

दिल की बातें करके दिलाराम से, दिल को मिला बेहद आराम
प्यार-सागर की प्रीत ने बनाया भरपूर, बांटते सबको ईश्वरीय प्यार
बन गए लवली और प्रभु-प्रेम में लवलीन
(मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति … बनाया अपने दिल तख्त-नशीन)

खुद आकर हमें ज्ञान रत्नों से श्रृंगारा, दिव्यगुणौं से है सजाया
बरसाकर अनंत शक्तियां और वरदान, बनाया पद्मापद्म भाग्यवान
पायी हमने सच्ची-अविनाशी खुशी
(मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति … बनाया अपने दिल तख्त-नशीन)

शिक्षाओं की उंगली पकड़, अपनी गोद के गलीचे में जीना सिखाया
अपनी निर्मल ममता से है निखारा, शीतल छाया में सवारा
प्रभु पालना में पलते हर घड़ी
(मिली हमे सर्वोत्तम प्राप्ति … बनाया अपने दिल तख्त-नशीन)

Being free from efforts by remaining immersed in the magnetic Ocean of Love! | Baba Milan Murli Churnings 01-11-2020

Being free from efforts by remaining immersed in the magnetic Ocean of Love! | Baba Milan Murli Churnings 01-11-2020

1. बाबा ने हमे श्रेष्ठ-स्वराज अधिकारी-स्वमानधारी बनाया (चरणों से सिरताज, इतनी बड़ी अथॉरिटी हमारा सेवाधारी बना) … ऐसे स्वमान में रहने से औरों को सम्मान देंगे (विशेषताएं देख, कोटों में कोई तो है, अपने भाई-बहन), निर्मान होंगे, सर्व के प्यारे बनेंगे (जैसे बाबा को सब मेरा कहते) … बाबा सबको स्वमान देते (बच्चों से लेकर वृद्ध):

  • यूथ को विश्व-कल्याणकारी-महान बनाया
  • प्रवृत्ति-वालो को पर-वृत्ति द्वारा महात्माओं से भी ऊँच बनाया
  • कन्याओं को शिव-शक्ति स्वरूप का स्वमान
  • बुजुर्ग को ब्रह्मा बाबा के हमजिन्स कहा

ऐसे स्वमान में रहना (और स्वमान से औरों को भी देखना, सम्बन्ध-सम्पर्क में आना)… यह देह-अभिमान मिटाने का साधन है

2. सभी बाप को पहचानकर उनके बने (बाबा कहा), इसलिए बाबा को सब प्रिय है, स्नेह के पात्र… ऐसे बाबा से 100% दिल का स्नेह ही चुम्बक है, जिस मोहब्बत में लवलीन रहने से सम्पंन-सम्पूर्ण मेहनत-मुक्त मौज में रहेंगे (अनुभव के मोती ज्ञान-सागर के तले में अनुभव करने सागर में लवलीन रहो… ज्ञान-बीज़ में चाहिए स्नेह-पानी, तब ही रमणीक-प्रश्नों से पार होंगे)… ऐसे सबसे भी स्नेह हो (कमजोरी न देख, हम तो वशीभूत को छुड़ाने वाले हैं, खराब चीज़ नहीं देखना), सर्व के स्नेही का सर्टिफिकेट लेना है (धर्म-राज्य दोनों की स्थापना हो रही)

3. कोई लीकेज न हो, लगाव भी नहीं (व्यक्ति-विशेषता-एक्स्ट्रा सैलवेशन से)… तो सदा सन्तुष्ट-प्रसन्न-मुस्कराता खिला गुलाब रहेंगे (डबल लाइट, मूड ऑफ नहीं होंगा)

4. साथ चलने के वायदे लिए बाप-समान और एवररेडी बनना (चाहे कल भी ऑर्डर आये)… किये वायदा का फायदा लेने उसे रोज रिवाइज-रियलाइज् करना है (अमृतवेले बाद वायदा-फायदा दोनों का बैलेन्स चेक करना)

5. (डबल विदेशी) सभी टर्न में चांस लेने वाले होशियार चांसलर है… भिन्न देश-धर्म-कल्चर होते भी पहचान, बाप-परिवार-कल्चर को अपना लिया … सेवा से भी प्यार, तीन-तीन सेवा करने वाले (जॉब, ज्ञान की सेवा, सेंटर में कर्मणा)

सार (चिन्तन)

अपने वायदों को पूरा करने… सदा बाबा से मिले भिन्न-भिन्न स्वमानों को स्मृति में रख, स्नेह के सागर की मोहब्बत में लवलीन रह, सन्तुष्ट मेहनत-मुक्त मौजों में रहे… सबको सम्मान देते, सर्व के स्नेही का सर्टिफिकेट लेते, दैवी धर्म-राज्य सतयुग बनाते रहेे… ओम् शान्ति!


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Coming in the rosary of victory through long-time spiritual efforts & service through mind! | बहुतकाल के तीव्र-पुरुषार्थ और मन्सा-सेवा द्वारा माला का मणका बनना | Baba Milan Murli Churnings 18-10-2020

Coming in the rosary of victory through long-time spiritual efforts & service through mind! | बहुतकाल के तीव्र पुरुषार्थ और मन्सा सेवा द्वारा माला का मणका बनना | Baba Milan Murli Churnings 18-10-2020

1. मेरा बाबा कह स्नेह के सागर को हमने अपना बनाया, और बाबा ने भी मेरे बच्चे कह दिल में समा लिया (लास्ट तक लास्ट बच्चे से भी प्यार है, लाडले-सिकीलधे)… स्नेह मे आकर्षण है, अपना बनाता, क्या से क्या बनाता.. बाबा हमारे मस्तक पर स्नेह की लहरे देख हर्षित-खुश हो रहे

2. (ड्रिल).. पुकारते हुए भक्त-दुःखी-अशान्त आत्माओं को मन्सा द्वारा सुख-शान्ति-शक्ति की कीरणें पहुंचानी (हम ही उनको सुख देने वाले रहमदिल है)… ऐसे मन को बीजी रखने से फालतू-व्यर्थ संकल्पों से बचे रहेंगे (अपना भी फायदा)… भिन्न-भिन्न सेवाओं में मन को बिजी रखना है (हम कितने ख़ज़ाने से रिचेस्ट है, जितना देंगे उतना बढ़ेगा):
° मन द्वारा शक्तियां देना
° वाणी द्वारा ज्ञान-दान
° कर्म द्वारा गुण-दान
° सम्बंध-सम्पर्क द्वारा खुशी

आपस ब्राह्मणों में भी सहयोगी बनो (हम तो संस्कार की टक्कर से छुड़ाने वाले है)

3. पुरुषार्थ में कभी-कभी शब्द समाप्त, गे-गे (करेंगे, हो जाएंगा) बदल करना ही है, एवररेडी (ऐसे बहुतकाल मन वा मायाजीत रहने से ही जगतजीत-विजयी-पास विध आनर-माला का मणका बनेंगे, यह शुद्ध संकल्प सदा रखना)… बाबा ऐसे तीव्र-पुरुषार्थी बच्चों को रोज़ अमृतवेले देखते-मिलते (गायन-योग्य, पूजन-योग्य, राज्य अधिकारी के साथी रूप में)

4. हम शुद्घ संकल्प-धारी, मन की हलचल से परे अचल-अडो़ल है… समय पर होगा नहीं (हमारा टीचर बाबा है, समय नहीं), समय तो रचना है… बिन्दु लगाना और बिन्दु को देखना तो कोई व्यर्थ नहीं चलेगा

5. (यू.पी.) भक्तों को परिचय देना हमारा कर्त्तव्य, फिर उनका भाग्य (नहीं तो उल्हना देंगे, हमारा बाबा आया वर्सा देने, और आप ने नहीं बताया)… वारिस-नामिग्रामी द्वारा प्रभावशाली सेवा होती (कर रहे हैं, अब थोड़ा और फास्ट)

6. (मुरली रेग्युलर नहीं उन्हें)… मुरली में चारों सब्जेक्ट के डायरेक्शन आते… तो जबकि बापदादा परमधाम-सूक्ष्मवतन से आते, मुरली एक दिन भी मिस वहीं करना… नहीं तो बाबा का दिलतख्त छूट जायेगा (और दो तख्त भी यथाशक्ति)… मुरली मुरली मुरली, साइंस के साधन यूज करो

सार (चिन्तन)

बीती सो बिन्दी कर रोज़ मुरली सुनने के साथ-साथ… सदा बाबा के दिल में समाये रह, सदा अपनी श्रेष्ठ मन्सा द्वारा सबको सुख-शान्ति-शक्ति की किरणें पहुंचाते… व्यर्थ-मुक्त विजयी, गायन-पूजन योग्य, बाबा के राज्य अधिकारी साथी बनते-बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

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योग कमेंटरी | बालक सो मालिक-पन का नशा

योग कमेंटरी | बालक सो मालिक-पन का नशा

मैं बालक सो मालिक… सर्व खजानों, प्राप्तियों, शक्तियों से सम्पंन… बाप समान स्थिति में स्थित हूँ… एक बाबा दूसरा न कोई

शुभ संकल्पों की शक्ति से भरपूर… सर्व के लिए दाता-वरदाता… शुभ भावना स्वरूप… मन्सा द्वारा विश्व सेवाधारी हूँ

मैं विघ्न विनाशक… समाधान स्वरूप… दृढ़ता सम्पन्न तपस्वी हूँ… बाबा की गोदी में सदा झूलती रहती

मैं सदा सन्तुष्ट… प्रसन्न-चित्त… रियल गोल्ड आत्मा हूँ…. गोल्डन दुनिया सतयुग स्थापन करने वाली… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी

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Answers from Sakar Murli 03-06-2020

*Om Shanti*

*Answers from Sakar Murli 03-06-2020*

1. तुम बच्चों को अब यह निश्चय रखना है, हम ईश्वरीय _____ हैं। _(3 उत्तर)_
° *सन्तान*, औलाद, सम्प्रदाय

2. हमें बाबा को *कैसे याद* करना है? _(5 शब्द)_
° चलते, फिरते, उठते, बैठते, *कुर्बान* हो

3. परमपिता परमात्मा ही आकर सबको _____ बना देते हैं। सतयुग में हर _____ में सुख ही सुख है। हम फिर से 5 हज़ार वर्ष पहले मुआफिफक दैवी _____ की स्थापना कर रहे हैं। फिर हम दैवी _____ बनेंगे। तुम बच्चों को सबको _____ देना है। _____ ही यहाँ आते हैं और समझते हैं बाबा हमको फिर से सुखधाम का मालिक बनाते हैं। हम ही 100 प्रतिशत पवित्र _____ मार्ग वाले थे।
° *सुखी-शान्त*, हालत, स्वराज्य, सम्प्रदाय, सुख, निश्चयबुद्धि, गृहस्थ

4. सतयुग में हैं पूज्य, यहाँ हैं पुजारी। *हम कैसे हैं?*
° तुम हो *शिवशक्तियां*। अभी तुम न पुजारी, न पूज्य हो।

5. अभी तुम्हारी आत्मा _____ करती हैं देखें कौन शिवबाबा को जास्ती याद करते हैं। शिवबाबा की याद में रहते-रहते ही शरीर छूट जाए तो अहो _____। बेड़ा ही _____।
° रेस, *सौभाग्य*, पार

6. हमारा *धन्धा* क्या है?
° अब बाप कहते हैं तुम बच्चों को मन्सा, वाचा, कर्मणा सबको *सुख देना* है। सबको *सुखधाम का रास्ता* बताना है। तुम्हारा धन्धा ही यह हुआ।

7. _____ बाप और समय का हर सेकण्ड _____ उठाने वाले निश्चयबुद्धि, निश्चिंत भव। जो भी दृश्य चल रहा है उसे _____ बनकर देखो, हिम्मत और हुल्लास में रह स्वयं भी _____ आत्मा बनो और विश्व को भी बनाओ। स्वयं के तूफानों में हिलो मत, _____ बनो। जो समय मिला है, साथ मिला है, अनेक प्रकार के खजाने मिल रहे हैं उनसे _____ और _____ बनो।
° *कल्याणकारी*, लाभ, त्रिकालदर्शी, समर्थ, अचल, सम्पत्तिवान, समर्थीवान

8. शिव शक्तियों का *ज्यादा मान* है, या लक्ष्मी-नारायण का? क्यों?
° तुम्हारा मान शिव शक्तियों के रूप में है। तुम्हारे आगे लक्ष्मी-नारायण का तो कुछ भी मान नहीं। शिव शक्तियों का ही नाम बाला है क्योंकि जैसे बाप ने सर्विस की है, सबको पवित्र बनाकर सदा सुखी बनाया है, ऐसे तुम भी *बाप के मददगार* बने हो, इसलिए तुम शक्तियाँ भारत माताओं की महिमा है।
° यह लक्ष्मी-नारायण तो राजा-रानी और प्रजा सब स्वर्गवासी हैं। वह बड़ी बात है क्या! नर्कवासियों को *स्वर्गवासी तुम बनाते* हो।

9. बाप के _____ का _____ लगाओ तो बुराईयां स्वत: समाप्त हो जायेंगी। _(स्लोगन)_
° *संग*, रंग

10. बाबा ऊँच ते ऊँच *श्रीमत* क्यों देते? _(3)_
° हमको श्रेष्ठ मत मिलती है, *सबको श्रेष्ठ बनाने* के लिए
° अभी *सबको सुख देने* के लिए ही बाबा श्रेष्ठ मत देते हैं।
° शिवबाबा की श्रीमत हमको क्या से क्या बनाती है! *स्वर्ग का मालिक*।

11. यहाँ तो हंगामें की कोई बात ही नहीं। तुम बड़ा _____ से बैठे हो। सब _____ होते हैं।
° *शान्ति*, खुश

12. *कृष्ण* की बाबा ने किन शब्दों में महिमा की? _(4)_
° कृष्ण को देखते ही उनको *चटक* पड़ेंगे। उनमें तो बहुत *चमत्कार* रहता है। कृष्ण के सिवाए और कोई बात बुद्धि में बैठती ही नहीं। वही सबसे *तेजोमय* है।

13. मीठे-मीठे _____ बच्चे जानते हैं बाप हमको सब युक्तियां, सब राज़ समझाते हैं। मुख्य बात यह है कि बाप को याद करो। _____ बाप तुम्हारे सामने बैठे हैं, कितना _____ है, कोई अहंकार नहीं। बापदादा दोनों ही बच्चों के _____ हैं। ऐसे बाप के पिछाड़ी तो _____ जाना चाहिए।
° फूल, पतित-पावन, निर्मान, सर्वेन्ट, *कुर्बान*

14. गायन है *द्रौपदी के पांव दबाये।* इसका भी अर्थ क्या है?
° स्थूल में पांव दबाने की बात नहीं है। बाबा के पास बुढ़ियां आदि बहुत आती हैं, जानते हैं भक्ति करते-करते थक गई हैं। आधाकल्प बहुत धक्के खाये हैं ना। (यह थकान बाबा मिटा देते।)

15. तुम बाप को अपने पास _____ देते हो ना। तुम हो शिव शक्ति, शिव के बच्चे। तुम बाप से _____ लेते हो। तुम जानते हो बाबा हमको _____ बना रहे हैं। यहाँ तो तुमको मोस्ट _____ बनना है।
° निमंत्रण, शक्ति, *पुरुषोत्तम*, बील्वेड

16. किनकी दिल होती है हम *गांव-गांव में जाकर सर्विस* करें?
सबको क्या *खुशखबरी* सुनानी है?
तुमसे पूछते हैं तुम्हारा *उद्देश्य* क्या है?
° जो *रहमदिल बच्चे* हैं उनकी दिल होती गांव-गांव में जाकर सर्विस करें।
° सबको यही खुशखबरी सुनानी है कि *विश्व में पवित्रता, सुख, शान्ति का दैवी स्वराज्य स्थापन हो रहा* है
° उद्देश्य है *मनुष्य से देवता बनना।*

17. याद से ही तुम _____ पावन बनते हो। पति
तुम बाप को याद करते हो तो इस याद के _____ से पाप कटते हैं। बाबा हम आपके पास चलें। आपको ही याद करते-करते जब हमारी आत्मा _____ हो जायेगी तो आप हमको _____ ले जायेंगे।
° विकर्माजीत, बल, *पवित्र*, साथ

18. मनुष्य मात्र एक-दो को दु:ख ही देते हैं। उन्हों क्या नहीं पता?
मनुष्य समझते हैं कि वेद-शास्त्र आदि सब भगवान से मिलने के रास्ते हैं और भगवान क्या कहते है?
° दुःख देते हैं, उनको यह नहीं पता कि *सुखधाम भी होता है।*
° भगवान कहते हैं-इन वेद-शास्त्रों से कोई भी मेरे साथ मिलता नहीं है। *मैं ही आता हूँ*, तब तो मेरी जयन्ती भी मनाते हैं, परन्तु कब और किसके शरीर में आता हूँ, यह कोई नहीं जानते। सिवाए तुम ब्राह्मणों के।

Answers from Sakar Murli 02-06-2020

*Om Shanti*

*Answers from Sakar Murli 02-06-2020*

1. तुम जानते हो भारत फिर _____ का बनना है। भारत को ही _____ कहा जाता है। तुम्हारी बुद्धि में अब _____ की दुनिया सामने खड़ी है। बाप अपने बच्चों को स्वर्ग का _____, विश्व का मालिक बनाने के लिए पढ़ाते हैं। अभी तुम कहते हो बाबा हम _____ जरूर बनेंगे। हम कोई कम पुरूषार्थ थोड़ेही करेंगे।
° सोने, *गोल्डन स्पैरो (चिड़िया),* सुख, प्रिन्स, लक्ष्मी-नारायण

2. बाबा ने पुरूषार्थ भी बहुत सहज बताया है। ड्रामा अनुसार कल्प पहले मुआफिफक, यह सरटेन है। तुम _____ थे। भारतवासियों के लिए ही है _____ थे तो स्वर्ग था। तुम बच्चे अब प्रैक्टिकल _____ बना रहे हो। ड्रामा तुमको _____ कराते रहते हैं, तुम करते रहते हो। यह भी बाबा ने बार-बार समझाया है कि यहाँ जब बैठते हो तो _____ होकर बैठो। एक बाप ही _____ सिखाते हैं और वर्ल्ड की हिस्ट्री-जॉग्राफी समझाते हैं। तुम बाप की _____ से देवता बनते हो।
° देवता, पूज्य, लाइफ, पुरूषार्थ, *देही-अभिमानी*, राजयोग, श्रीमत

3. रीयल्टी द्वारा हर कर्म वा बोल में रायॅल्टी दिखलाने वाले फर्स्ट _____ के अधिकारी भव।
*रीयल्टी* अर्थात्‌ कौन-सी 2 बातें?
*रायॅल्टी* अर्थात्‌ कौन-सी 4 बातें?
° डिवीजन
° रीयल्टी अर्थात्‌ *असली स्वरूप* की सदा स्मृति, और *एक बाप दूसरा न कोई।*
° हर *कर्म में बाप समान चरित्र*, हर *बोल में बाप समान अथॉर्टी और प्राप्ति*, उनका *संग पारस* का काम करेगा। *चेहरे पर भी* रायॅल्टी दिखती।

4. बच्चों को अपनी उन्नति के लिए सवेरे-सवेरे उठ बाप की याद में _____ करनी है। याद में तुम एक घण्टा _____ करो तो भी थकेंगे नहीं।
° सैर, *पैदल*

5. हमें किन 4 बातों कारण *खुशी* रहनी चाहिए? _(4)_
° बाबा सच्चा है। *पढ़ाई* भी सच्ची और पूरी है।
° तुम कितना *ऊंच पढ़ते* हो तो कितनी कापारी खुशी होनी चाहिए।
° आत्मा खुश होती है *बाप की महिमा* सुनकर।
° भगवान बाबा, बेहद का *बाप हमको पढ़ा रहे* हैं। तुम्हारे रोमांच खड़े हो जाने चाहिए।

6. जिसने बहुत भक्ति की होगी उनको 7 रोज़ तो क्या _____ में भी तीर लग जाए।
° *एक सेकण्ड*

7. *बुढ़ी बुढ़ी मातायें* और कुछ नहीं याद कर सकती, तो क्या करना है?
° *सिर्फ बाप को याद करें* (बाबा यह बहुत सहज बताते हैं तुम आत्मा हो, परमात्मा बाप को याद करो तो तुम्हारा बेड़ा पार हो जायेगा। कहाँ चले जायेंगे? शान्तिधाम-सुखधाम। और सब कुछ भूल जाओ।)

8. परमपिता परमात्मा सर्वशक्तिमान आलमाइटी _____ है। तुम भी ज्ञान की _____ हो तो ज्ञान ही सुनाते हो। बाप कहते हैं मैं कोई _____ नहीं हूँ। बाप तो खुद कहते हैं मैं ड्रामा की नूंध अनुसार आता हूँ तुम्हें _____ बनाने।
° अथॉरिटी, *अथॉरिटी*, थॉट रीडर, पावन

9. प्वाइंट्स मिलती हैं जो कोई को भी समझा सकते हो। परन्तु *समझाना कैसे* है? _(2 बातें)_
° *बहुत मिठास से* समझाओ। (शिवबाबा जो पतित-पावन है, कहते हैं मुझे याद करो तो पावन बन पावन दुनिया का मालिक बन जायेंगे)
° *युक्ति से* समझाना है (तुम चाहते हो ना – गॉड फादर लिबरेट कर स्वीट होम वापिस ले जाए। अच्छा, अब तुम्हारे ऊपर जो कट (जंक) चढ़ी हुई है उसके लिए बाप कहते हैं मुझे याद करो।)

10. बच्चे कहते हैं बाबा _____ बहुत आते हैं, हम भूल जाते हैं। बाबा कहते हैं तुम किसको भूल जाते हो? बाप जो तुमको _____ विश्व का मालिक बनाते हैं उनको तुम कैसे भूलते हो!
° तूफान, *डबल सिरताज*

11. *एक-दो में उन्नति को पाना।* यह कैसे करना है?
° बाहर में जाकर पैदल करो। आपस में यही बातें करते रहो, *देखें कौन बाबा को जास्ती याद करते हैं*, फिर बताना चाहिए कितना समय हमने याद किया। बाकी समय हमारी बुद्धि कहाँ-कहाँ गई।

13. भ्रकुटी के बीच चमकता है सितारा। तो जरूर इतनी _____ आत्मा होगी ना। डॉक्टर लोग बहुत कोशिश करते हैं, आत्मा को देखने की। परन्तु वह बहुत _____ है। बाप भी ऐसे ही _____ है।
° छोटी, *सूक्ष्म*, बिन्दी

13. *विकर्मो का खाता समाप्त* करने लिए क्या करना है?
° *श्रेष्ठ कर्मो का खाता बढ़ाओ*

14. तुम्हारी बुद्धि में अब 5 हज़ार वर्ष की सारी _____ चक्र खाती रहती है, जिसको ही _____ चक्र कहा जाता है। चक्र को तो तुम जानते हो, रात-दिन तुमको अब यही बुद्धि में है कि हम अभी _____ जाते हैं।
° स्टोरी, *स्वदर्शन*, घर

15. *पढ़ाई का सार* क्या है?
° दुनिया की सब बातों को छोड़ दो। मूल बात है याद और ज्ञान, इसलिए अच्छी रीति पुरूषार्थ करो।

Answers from Sakar Murli 01-06-2020

*Om Shanti*

*Answers from Sakar Murli 01-06-2020*

1. _____ बाप के साथ रहने वाले ही _____ पार्टधारी हैं। _(स्लोगन)_
° जीरो, *हीरो*

2. तुम जैसे कि _____ का रस सुगर पीते हो, बाकी सब मनुष्य छिलका चूसते हैं। तुम अभी सुगर पीकर पूरा पेट भर _____ सुख पाते हो, तुमको बाप से बहुत बड़ी _____ मिलती है।
° *गन्ने*, आधाकल्प, जागीर

3. शान्ति की *वस्तु* किसके पास है?
° सिर्फ *शान्ति के सागर बाप* के पास

4. यहाँ तो _____ टीचर बैठा है। ज्ञान का सागर बाप ही तुमको _____ का वर्सा दे रहे हैं। बाबा किचड़े से निकाल अब कितना _____ बना रहे हैं।
° बड़ा, ज्ञान, *गुल-गुल*

5. अभी हमें स्मृति आई है, बहुत अच्छी तरह से। हम *सबसे ऊंच पार्टधारी* हैं। कैसे?
° *हमारा पार्ट बाबा के साथ है*, हम बाबा की श्रीमत पर बाबा की याद में रहकर औरों को भी आप समान बनाते हैं

6. _____ की शक्ति द्वारा विश्व में प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजाने वाले _____ स्वरूप भव
° *साइलेन्स*, शान्त

7. *सदा उमंग* में रहने लिए क्या करना है?
° रोज़ *एकान्त में बैठकर अपने साथ बातें* करो। (बाकी थोड़ा समय इस अशान्त दुनिया में हैं, फिर तो अशान्ति का नाम नहीं रहेगा।)

8. वण्डर है ना। तुम _____ बाप की सन्तान हो। बाप तुम बच्चों को बड़ी _____ बातें सुनाते हैं। नई दुनिया में तो सोने की अथाह _____ थी। सतयुग में देवताओं का पवित्र _____ मार्ग था।
° वण्डरफुल, *वण्डरफुल*, खानियां, प्रवृत्ति

9. क्या विचार करके हम बच्चे *मधुबन* में जाते?
° हम *बापदादा के पास पढ़ने* जाते

10. सर्विस पर भी रहना है। मूल बात है बाप का _____ देना। बाप को और 84 के चक्र को याद करो तो बेड़ा पार हो जायेगा। यह _____ सबको देना है। एक अल्फ पर तुम _____ घण्टा भाषण कर सकते हो। जितना बहुतों को जगायेंगे उतना _____ मिलेगा।
° परिचय, मैसेज, दो, *इनाम*

11. *याद* में रहने से क्या-क्या प्राप्तियां होती? _(5)_
° विकर्म विनाश होते, विकार निकलते जाते, हम सुधरते जाते, *खुशी* रहती, एकदम हेविन में चले जाते हैं।

12. यह अन्दर बुद्धि में _____ गूँजती रहती है। जिसकी तकदीर में है उनकी दिल _____ में लगती है। सारा अटेन्शन _____ पर देना है।
° पढ़ाई, *पढ़ाई*, पढ़ाई

13. उस स्टूडेंट लाइफ और *इस स्टूडेंट लाइफ* में क्या अन्तर है?
° वह पढ़ाई कोई अन्त तक नहीं चलती। समय होता है। तुमको तो *जब तक जीना है पढ़ना और पढ़ाना है* (जिससे ही खुशी रहती, ऊँच पद पाते जाते)। अपने से पूछना है कितनों को बाप रचयिता का परिचय देते हैं?

14. हिसाब-किताब चुक्तू कर सबको वापिस जाना है। यह भी जो _____ बच्चे हैं वही जानते हैं। बच्चे वह जो _____ पर उपस्थित हैं। _____ को फालो करते हैं। हर बात में _____ भी होना चाहिए।
° *सेन्सीबुल*, सर्विस, माँ-बाप, सहनशील

15. जब तक जीना है, अपने को क्या *निश्चय* करना है?
° हम बी.के. हैं और *शिवबाबा से वर्सा ले रहे* हैं सारे विश्व का

16. बाप सबको _____ पढ़ाई पढ़ाते, पढ़ते नम्बरवार हैं। आपसमान बनाने की सेवा के साथ-साथ _____ होकर हर एक के पार्ट को देखने का अभ्यास करना है। बाबा रोज़-रोज़ कहते हैं शाम को अपना सारे दिन का _____ निकालो। आगे चल रिजल्ट का पता पड़ जायेगा। फिर समझेंगे-बरोबर बाबा हमको कितना _____ देते थे।
° एकरस, *साक्षी*, पोतामेल, वारनिंग

17. अपनी *दिल से* कौन-सी 2 बातें पूछनी है?
° सदैव पूछते रहो, हमारे में कितना *फ़र्क* है? (बाप ने हमको अपना बनाया है, हम क्या से क्या बनते हैं)
° अपनी दिल से पूछो-कहाँ तक *मैसेन्जर* बना हूँ?

Answers from Avyakt Murli 31-05-2020

*Om Shanti*

*Answers from Avyakt Murli 31-05-2020*

1. चारों ओर से एक ही नगाड़ा, एक ही साज़ में बजेगा – “ _____।”
° *मिल गया, आ गया*

2. आज *वृक्षपति* अपने नये वृक्ष में क्या-क्या देख रहे थे _(3)_? *आदि-देव* क्या देख रहे थे?
° आज वृक्षपति अपने नये वृक्ष के *फाउण्डेशन* बच्चों को देख रहे हैं। वृक्षपति अपने वृक्ष के *तना* को देख रहे हैं। सभी वृक्षपति की पालना के पले हुए श्रेष्ठ *फलस्वरूप बच्चों* को देख रहे हैं।
° आदि देव अपने *आदि रत्नों* को देख रहे हैं।

3. *दिल वालों* को दिमाग वालों से 4 ज्यादा प्राप्तियां होती। कोन सी?
° *बाप को दिल वाले पसन्द हैं।*
° *नम्बर* भी बनते हैं – सच्ची साफ दिल के आधार से।
° दिल का *आवाज दिल तक पहुँचता है*, दिमाग का आवाज दिमाग तक पहुँचता है।
° दिमाग वाले नाम कमाते हैं, दिल वाले *दुआयें कमाते* हैं।

4. सदा _____ भाग्य के अधिकारी, सदा सफलता के अधिकारी, सदा स्वयं को श्रेष्ठ _____ समझ सर्व का _____ करने वाले, श्रेष्ठ आत्माओं को बापदादा का यादप्यार और नमस्ते।
° *पदमापदम*, आधारमूर्त, उद्धार

5. *सन्तुष्टमणि* किसे कहेंगे?
° सन्तुष्टता की सीट पर बैठकर परिस्थितियों का खेल देखने वाले ही सन्तुष्टमणि हैं।

6. एडवांस पार्टी अपना काम कर रही है। आप एडवांस _____ भरो
° *फोर्स*

7. अन्तर्मुखी बन _____ की यात्रा व हर _____ की गुह्यता में जाकर रिसर्च करो, _____ धारण करो और फिर उसका परिणाम वा सिद्धि देखो कि वह सिद्ध हुआ या नहीं? कर्म करते योग की _____ स्टेज में रहने का अभ्यास बढ़ाओ। जैसे वाणी में आने का अभ्यास है ऐसे _____ में रहने का अभ्यास डालो।
° याद, प्राप्ति, संकल्प, *पावरफुल*, रूहानियत

8. *मन्सा शक्ति अर्थात्* क्या? _(2 बाते)_
मन्सा शक्ति से कौन से *5 कार्य* होते?
° *श्रेष्ठ संकल्प* शक्ति, एक के साथ *लाइन क्लीयर*
° प्रकृति को *परिवर्तन* करना, *योगबल* (गर्भ महल) के लिए मन्सा शक्ति की आवश्यकता है। अपनी *सेफ्टी* के लिए भी मन्सा शक्ति साधन बनेगी। मन्सा शक्ति द्वारा ही स्वयं की *अन्त सुहानी* बनाने के निमित्त बन सकेंगे। अन्तिम वायुमण्डल वायब्रेशन से सेफ रखना और उन आत्माओं को *सहयोग* देना। *एडवान्स पार्टी को भी अपने कार्य में विशेष सहयोग* सूक्ष्म शक्तिशाली मन्सा का चाहिए। बेहद के कार्य में सहयोगी बन *बेहद के विश्व के राज्य अधिकारी* बनेंगे।

9. स्वयं की सेफ्टी के लिए मन्सा शक्ति और _____ की शक्ति जमा करो।
° *निर्भयता*

10. (जगत-अम्बा) – “सफलता का आधार सदा _____-शक्ति और _____ शक्ति है, इन विशेषताओं से सफलता सदा सहज और श्रेष्ठ अनुभव होगी।
(विश्व किशोर भाई) ” _____ अटल और _____ सम्पन्न”
(बड़ी दीदी) सदा बाप और दादा की _____ पकड़ो या दो। चाहे बच्चा बना के, चाहे बाप बनाकर
° सहन, समाने की, निश्चय, नशा, *अंगुली*

11. जो बहुतकाल के सहयोगी बच्चे रहे हैं, एक बाप दूसरा न कोई, इस मेन सबजेक्ट में पास रहे हैं, ऐसे अनुभवी को बाप विशेष मुश्किल समय क्या *सहयोग* देते? _(2)_
° कुछ बाप, ड्रामा अनुसार *कर्मबन्धन मुक्त बनाने में सहयोग* भी देता है।
° अन्त में *एक्स्ट्रा मार्क्स* दे पास विद आनर बना ही देती है।

12. _____ तो बाप इतना बड़ा दे देता है जिससे रचयिता को जानने से रचना के आदि, मध्य, अन्त की नॉलेज को जान लेते हो
° *दिमाग*

13. अभी *अन्तिम कौन-सी सेवा* करनी है? _(3)_
° अभी *वृत्ति द्वारा वृत्तियां बदलें*, संकल्प द्वारा संकल्प बदल जाएं।
° *परिवर्तन* करने के कार्य का कोर्स *समाप्त* हो जाए
° बेहद के सेवाधारी बन बेहद के बाप को *प्रत्यक्ष* करेंगे।

14. यह सूक्ष्म सेवा स्वत: ही कई _____ से पार कर देगी।
° *कमजोरियों*

15. जैसे निमित्त बने हो ऐसे _____ भाव सदा स्मृति में रख आगे बढ़ते चलो। अच्छा!
° *निमित्त*

16. आदि रत्नों की क्या *विशेषता* है? _(3)_
° बाप को *पहचानने* में, बाप के कार्य में *सहयोगी* बनने में निमित्त बने और अनेको के आगे *एक्जैम्पुल* बने हैं।
° *हिम्मत* रख आदि में सहन करने का सबूत तो यही आदि रत्न हैं।
° *विघ्न-विनाशक* बन निमित्त बन, निमित्त बनाने के कार्य में अमर रहे हैं इसलिए बापदादा को भी अविनाशी, अमर भव के वरदानी बच्चे सदा प्रिय हैं।

17. माताओं की _____ से स्थापना का कार्य आरम्भ हुआ पाण्डवो ने प्रवृत्ति को निभाते न्यारे और बाप के प्यारे बन हिम्मत और उमंग का _____ दिया है।
° फुरी-फुरी (बूंद-बूंद) तलाव, *सबूत*

18. *एडवान्स पार्टी* कैसे कार्य कर रहे हैं? _(2)_
° उन्हों का सेवा का साधन है *मित्रता* और समीपता के सम्बन्ध।
° एक दो के श्रेष्ठ संस्कार, श्रेष्ठ वायब्रेशन और सदा होली और हैपी चेहरा एक दो को *प्रेरणा* देने का कार्य कर रहा है।