योग कमेंटरी | हॉस्पिटल (OPD) मैं बैठे

योग कमेंटरी | हॉस्पिटल (OPD) मैं बैठे

सभी बाबा के बच्चे… आत्माएँ है… सभी स्वस्थ हो जाए… बाबा की किरणें उन पर पड़ रही है

सभी धैर्यवत हो… हॉस्पिटल का वातावरण शान्त-श्रेष्ठ बन रहा… सभी जल्दी-जल्दी ठीक हो रहे हैं

सभी मुझे देख रहे… मैं बिल्कुल शान्त, हल्की, निश्चिंत हूँ… मेरे चेहरे पर ईश्वरीय खुशी चमक रही है

मैं सबको सम्पूर्ण स्वास्थ्य का वरदान दे रही हूँ… सभी सदा के लिए स्वस्थ… सुखी हो जाएं

बाबा मेरा सुप्रीम सर्जन है… मैं बेफिक्र हूँ, बाबा मेरे साथ है… उनकी याद में रह, रूहानी कमाई जमा कर रही हूँ

मैं अशरीरी हूँ… चारों ओर शान्ति की किरणें फैल रही है… मैं बाबा को याद कर रही… शक्तिशाली किरणें फैल… सारे विश्व को स्वस्थ बना रही है… विश्व स्वर्णिम बन रहा… ओम् शान्ति!


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Our illustrious life! | हीरे-तुल्य जीवन | Sakar Murli Churnings 02-05-2019

Our illustrious  life! | हीरे-तुल्य जीवन | Sakar Murli Churnings 02-05-2019

1. आत्मा ही सबकुछ करती तो आत्मा-अभिमानी रह अपने बाप-टीचर-गुरु बाबा को याद करना है… आपस में सेवा की चित-चैत जरूर करनी है (क्या प्रश्न पूछे, क्या रिस्पॉन्स मिला, आदि), भोजन के बाद का समय अच्छा है… बहुत खुशी में रहना है, और ज्ञान समझाना है

2. बाबा प्रेरणा से नहीं समझाते (हम कैच नहीं कर पाते), इसलिए रथ जरूर चाहिए… जिन्होने 84 जन्म लिए है, उनके ही लास्ट जन्म की वनप्र्‍सथ अवस्था में प्रवेश कर, नाम रखते प्रजापिता ब्रह्मा, जिनके द्वारा प्रजा रचते

3. बाबा आए है साकार में, उनके संग में रहने से परिस्तान पहुंच जाते, बाकी तो कब्रिस्तान है जो विनाश होना है… ऎसी सर्वश्रेष्ठ शिक्षाएं देकर बाबा ने हमारा जीवन हीरे-तुल्य बनाया है… हम ईश्वरीय सन्तान है, बाबा हमें पावन रजाई देते, तो उनको याद जरूर करते रहना, आत्म-अभिमानी बनकर

4. अब सिर्फ कुछ ही समय है, इसलिए पवित्रता-ज्ञान-योग के बल द्वारा नई दुनिया में श्रेष्ठ पद जरूर प्राप्त करना है 

सार 

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमारी जीवन हीरे-तुल्य बना रहे, तो हम भी थोड़ा सा ज्ञान-योग का पुरूषार्थ कर अपनी दिनचर्या श्रेष्ठ कर, सदा दिव्यगुण-सम्पन्न बन… सबको भी आप समान बनाते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

गीत: हीरे जैसा मिला है जीवन…

योग कमेंटरी | मैं सच्ची सेवाधारी हूँ | I’m a true server

योग कमेंटरी | मैं सच्ची सेवाधारी हूँ | I'm a true server image

योग कमेंटरी | मैं सच्ची सेवाधारी हूँ | I’m a true server

मैं सच्ची सेवाधारी हूँ… मेरा बाबा भी निष्काम… विश्व-सेवाधारी है

सदा करन-कारावनहर बाबा की स्मृति में… मैं निमित्त-भाव से सम्पन्न… निर्मान, नम्र-चित्त हूँ… निर्मल वाणी से सेवा करती

मेरा हर पल सफल हो रहा… रूहानी कमाई जमा हो रही… सबकी दुआओं से भरपूर हो गई हूँ

सेवा भाग्य की श्रेष्ठ लिफ्ट है… बाबा का बहुत-बहुत शुक्रिया है… मुझे अपनी सेवा के योग्य समझा

सभी विशेषताएं प्रभु प्रसाद हैं… सेवा भी उसकी है… उसके बच्चों की

मैं अथक… एवर-रेडी… ऑल-राउंड सेवाधारी हूँ… हाँ-जी का पाठ पक्का करने वाली… ओम् शान्ति!


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The priceless study! | Sakar Murli Churnings 01-05-2019

The priceless study! | Sakar Murli Churnings 01-05-2019

1. बाप खुद हमारा ट्यूशन करते हैं बड़ी आसानी से, सिर्फ कहते तुम आत्मा हो, और बाप को याद करो, तो वाणी से परे पहुँच, फिर सूर्यवंशी राज्य में आ जाएँगे

2. बाबा हमारी जीवन हीरे-तुल्य देवताई बनाते, बिल्कुल मुफ्त… बच्चा जब जन्मता, तो स्वतः वर्से के हकदार बन जाता, खर्चा तो बाप करते… हमें सिर्फ पवित्र बन ज्ञान-रत्नों को धारण करना है… यदि अधिक धन है, तो अपना भाग्य बनाने सेवा में भी जरूर लगाना है

3. जितना बाबा को याद करते उतना पावन बनते, पावन दुनिया में ऊंच पद पाते… जो देवी-देवता बनने होंगे, वह आ जाएँगे… अखबार में भी डाल सकते, बाबा आएं है प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा हमें लक्ष्मी-नारायण बनाने, याद की यात्रा से… निश्चय-बुद्धि बन श्रीमत पर चलते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि भगवान् हमें ऎसी सर्वश्रेष्ठ पढ़ाई पढ़ाते कि उसका मूल्य भी नहीं लगा सकते, तो इन सभी ज्ञान रत्नों को ऎसे चिन्तन-अभ्यास द्वारा अपने में धारण करे, कि जन्म-जन्मांतर हम गुण-शक्तियों के अविनाशी धन से सम्पन्न रह… औरों को भी सम्पन्न करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

गीत: बाबा तेरी मीठी मुरली की धुन…

योग कमेंटरी | शीतलता का अनुभव | Experiencing Coolness

योग कमेंटरी | शीतलता का अनुभव | Experiencing Coolness

मैं देह से detach … न्यारी, उपराम हूँ… इस देह-भान रूपी गरम हवा से परे

मैं आत्मा बिल्कुल शीतल… शान्त-चित… सतोगुणी हूँ

मेरा मन शीतल, निर्मल… प्रेम और शुभ भावनाओं से सम्पन्न है

मेरी आँखें शीतल… बोल मधुर… कर्म अलौकिक है

मैं शीतला देवी हूँ… सबको शीतलता प्रदान कर… शान्ति का वरदान देती हूँ… ओम् शान्ति!


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The dance of knowledge! | ज्ञान डांस | Sakar Murli Churnings 30-04-2019

The dance of knowledge! | ज्ञान डांस | Sakar Murli Churnings 30-04-2019

1. सबका पार्ट अपना-अपना है… बाबा का पार्ट है spiritual नॉलेज देना (ज्ञान डांस)… और हमारा पार्ट है घर-गृहस्थ में रहते आत्मा-अभिमानी वा बाबा को याद कर पावन सतोप्रधान पूज्य बनना

2. बाबा को ज्ञान के शौकीन, योगी, गुणवान, निश्चयबुद्धि बच्चे बहुत पसंद है… जितनी सेवा करते, उतनी ऊँची प्राइज़ अर्थात सतयुग का पद मिलता है

3. बाबा आएं है (शान्तिधाम से) आदि सनातन देवी-देवता धर्म की स्थापना करने, इसी लिए हमें सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल का बनाया है, तो दैवीगुण जरूर धारण करने है

4. हम पवित्र राजयोगी है, हम सबकुछ भूल अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करने से सम्पूर्ण पवित्र बन स्वर्ग का द्वार खोलते

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि हमें सम्पूर्ण ज्ञान मिल गया है, तो सदा ज्ञान-चिन्तन द्वारा योगयुक्त रह अतिन्द्रीय सुख में नाचते रहे… औरों को भी खुशी बांटते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | बेहद स्थिति | Avyakt Murli Churnings 28-04-2019

योग कमेंटरी | बेहद स्थिति | Avyakt Murli Churnings 28-04-2019

यह देह बाबा की है… मैं इस देह-घर से भी बेघर… अशरीरी-निराकार आत्मा हूँ

साधन भी बाबा की सेवा के लिए है… मुझे इसे न्यारा बन use करना है… बाबा करा रहा है

मेरे संकल्प बेहद में… बोल निःस्वार्थ… सदा करावनहार करा रहे हैं, इसी रूहानी मस्ती में… मैं रमता योगी… उड़ता योगी हूँ

यह साधन सिर्फ़ एक विधि है… श्रेष्ठ तीव्र-पुरूषार्थ… और सेवा की वृद्धि के लिए

मैं मास्टर शान्ति सागर-सूर्य हूँ… सबको शान्ति-शक्ति का दान देते… बाबा से जुड़ाकर… सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनाता हूँ… ओम् शान्ति!


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नज़र से निहाल अर्थात क्या | Sakar Murli Churnings 29-04-2019

नज़र से निहाल अर्थात क्या | Sakar Murli Churnings 29-04-2019

1. बाबा हमारा बाप-टीचर-स्वामी-सतगुरु है, जो हमें ज्ञान की आँख दे निहाल अर्थात सद्गति कर देते, विश्व का मालिक बनाते… फिर जितना पवित्र आत्‍म-अभिमानी बन बाबा को याद करते उतना हम ऊंच पद पाएंगे, सचखण्ड के वर्से में… जितना हम याद-सेवा करते, बाबा भी हमें याद करते

2. बाबा अति-सुक्ष्म ज्योति-बिन्दु स्वरूप परम-पवित्र है, जिसकी याद-संग से हम भी पावन-निर्विकारी बनते… तो ऎसे शमा पर तो पूरा फिदा होना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि स्वयं भगवान् की नज़र हम पर है, तो हम भी सदा बाबा को देख-देख भरपूर होते रहे… तो स्वतः यह वाइब्रेशन सभी विघ्न नष्ट करते, सब को सहयोग देते, सतयुग बनाते रहेंगे… ओम् शान्ति!

गीत: दिल कहे बाबा, तुम्हे देखता रहूं…

Giving peace & power to all | शान्ति की लहरें-किरणें बांटना | Avyakt Murli Churnings 28-04-2019

Giving peace & power to all | शान्ति की लहरें-किरणें बांटना | Avyakt Murli Churnings 28-04-2019

1. हम पूर्वज-पूज्य आत्माएं हैं, जिनके द्वारा सबको शान्ति-शक्ति मिलती (हम मास्टर शान्ति-सागर, शान्ति-सूर्य है), सब यही चाहते … तो मन्सा को ऎसे मजबूत करना है, क्योंकि मन के अनुभव ही मन तक पहुँचते, औरों को श्रेष्ठ बनने की प्रेरणा देते

2. बेहद के वैरागी अर्थात इस शरीर-घर से भी न्यारे, तो पुराने स्वभाव-संस्कार-साधन से स्वतः परे रहेंगे… सिर्फ़ निमित्त साधनो को मालिक-करावनहार-उड़ता योगी बन सेवा-पुरूषार्थ के लिए विधि बनाकर सिद्धि को प्राप्त करना है… फिर वशीभूत-परवश-परेशान नहीं होंगे, परन्तु सदा देह-भान (धरती), विकारों (अग्नि), साधनो के आकर्षण (बहाव) से ऊपर रहेंगे

3. हलचल में अलबेलापन (यह तो होता ही है, अभी तो समय है), वा आलस्य (कर रहे हैं, हो जाएँगा, कौन बना है) की चद्दर ओढ़ने के बजाए… सदा अचल बन सबको अपनी सेवा द्वारा शान्ति-शक्ति-उमंग दिलाते रहना है… हम समय-परिस्थिति से श्रेष्ठ है, तो सिर्फ उनके कारण तीव्र पुरूषार्थ करने के बजाए, हमें समय को समीप लाना है

4. हमें सिर्फ निमित्त बन स्नेह-पूर्ण सेवा-संदेश देना है, इससे स्नेह-सम्बन्ध बढ़ता, और बीज पड़ता आगे फलीभूत जरूर होगा (अर्थात सब अपना भाग्य अवश्य बनाएँगे, विदेश देश को जगाएगा), हमारा जमा तो होता ही है… अभी तो साधन भी सहज, जितना दिल से सेवा में busy रहते उतना मायाजीत रहते, आगे बढ़ने का वरदान तो हमें मिला ही हुआ है

5. हम सदा मिलन मेले में है (जहां भी हो), इसलिए सदा सर्व प्राप्तियां-सुख से सम्पन्न झूल रहे है… शान्ति की शक्ति सर्वश्रेष्ठ शक्ति है (जिससे ही सर्व शक्तियां-साइंस निकली है), इससे असम्भव भी सम्भव-सहज होता, तो इसके द्वारा सहजयोगी जरूर बनना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… समय से पहले ही सदा बाबा के मिलन मेले में सर्व-प्राप्ति-सम्पन्न बन, मास्टर शान्ति सागर-सूर्य बनके सबको शान्ति-शक्ति की अनुभुती कराते, सत्य प्राप्ति कि realization कराते रहे… बाबा से जुड़ाते सतयुग बनाते चले

ईश्वरीय सेवा करने की 108 विधियाँ | 108 ways of doing service

ईश्वरीय सेवा करने की 108 विधियाँ | 108 ways of doing service

पिछले रविवार की मुरली में बाबा ने कहा… सबमें विशेषताएं हैं, उन्हें सिर्फ कार्य में लगाना है, तो सहज सफलता मिल जाएंगी… तो आज आपको 108 सेवा-योग्य विशेषताएं भेज रहें हैं, इनमें से कोई एक द्वारा भी स्वयं और सर्व का कल्याण कर सकते … इन्हें प्रेम से स्वीकार करना जी!

मन्सा सेवा

वाचा सेवा

  • ज्ञान सुनाना, अनुभव सुनाना, निमन्त्रण देना, भाषण (कोर्स, मुरली, स्पेशल प्रोग्राम) करना, स्पीकर का इंट्रो देना
  • कमेंटरी द्वारा योग कराना

कर्मणा सेवा

  • स्टेज-माइक-म्यूजिक-लाइट वा audience सम्भालना… हॉल की सफाई, खुर्सी सेट करना
  • भोजन बनाना (रोटी, टोली बनाना-पैक करना, सब्जी काटना-बनाना)
  • टोली देना… कुछ समय गाड़ी देना, ड्राइव करना
  • मधुबन में यज्ञ-सेवा करना, गाइड बनना

सम्बन्ध-सम्पर्क से

  • किसी को ले आना (प्रोग्राम पे, सेन्टर वा मधुबन)
  • औरों को सेवा सिखाना, चान्स देना, आगे बढ़ाना

विशेषताओं द्वारा

  • कलाओं द्वारा (गाना, नाचना, कविता-गीत-लेख लिखना, रचनात्मकता)
  • कंप्यूटर सेवा (ग्राफिक डिजाइन, pamphlet बनाना, ईमेल, आदि)
  • सोशल मीडिया (WhatsApp, Facebook, YouTube, SMS) द्वारा अच्छे quotes, classes, songs, videos भेजना

और सेवाएं

  • अपना समय-विशेषताएं सेवा में ऑफर करना
  • मन से (नई युक्तियां निकालना, suggestion देना)
  • धन से (बड़े दिनों पर, प्रोग्राम के वक्त, हर महीने, आदि)

श्रेष्ठ जीवन द्वारा

  • श्रेष्ठ स्थिति-वाइब्रेशन-सन्तुष्टता द्वारा… हर्षितमुख चेहरे, शीतल दृष्टि, मीठे बोल द्वारा… सुखदाई सम्मान-पूर्वक व्यवहार, रॉयल चलन द्वारा
  • शान्त-चित्त कार्य करने के तरीके से, अन्तर्मुखता, हल्केपन, पवित्रता से… श्रेष्ठ उसूल-नियम-मर्यादाओं द्वारा… सैंपल, example, आदर्श बनने से
  • धारणाओं द्वारा (रोज़ ज्ञान सुनना, योग करना, भोजन साइलेंस में बाबा की याद में करना, शुध्द भोजन, कार्य पहले 1 मिनट साइलेंस, परिस्थितियों में एकरस-अचल-अडो़ल-सकारात्मक रहना)

सार

तो चलिए आज सारा दिन… निरन्तर सेवाधारी बन, हर पल मन्सा-वाचा-कर्मणा अपने को निमित्त-निर्माण बन सेवा में busy रखे… सिर्फ़ हमें अपना समय-विशेषताएं को सेवा में ऑफर करना है, फिर बाबा अपने समय पर जैसे चाहे use करें… हमें अपनी श्रेष्ठ योगयुक्त स्थिति द्वारा सदा शान्ति प्रेम आनंद का अनुभव करते और कराते, सतयुग स्थापन करने रहना है… ओम् शान्ति!

1) गीत: दानी बनो, वरदानी बनो…

2) गीत: तेरी वाणी शिव बाबा…

3) गीत: करते चलो सबका भला…

4) गीत: हम दुनिया नई बनाएँगे…

5) गीत: हम स्वर्ग धारा पर लाएंगे…


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