सदा श्रेष्ठ स्थिति अनुभव करने की सहज विधि | Creating an elevated stage | Sakar Murli Churnings 05-04-2019

सदा श्रेष्ठ स्थिति अनुभव करने की सहज विधि | Creating an elevated stage | Sakar Murli Churnings 05-04-2019

1. हम पद्मपद्म भाग्यशाली है, जिनको पढ़ाने स्वयं भगवान् पतित दुनिया में आए हैं… तो अपने को आत्मा समझ एक बाप को याद करने का श्रेष्ठ पुरूषार्थ करना है, तो पावन गौरा विश्व के मालिक बन जाएँगे

2. बाबा खुद गुणवान सर्विसएबुल आज्ञाकारी फूलों को याद कर सर्चलाइट देते… इसके लिए चार्ट रखना, और विचार सागर मंथन जरूर करना है… बाबा को वारिस बनाए उस एक की ही यादों में रह, श्रेष्ठ कर्म वा सेवा का सबूत देना है

3. सेवा में योग का जौहर चाहिए, तब ही सभी बुराइयों को छोड़ सर्व प्राप्ति सम्पन्न बनने की हिम्मत रखेंगे

सार

तो चलिए आज सारा दिन… अपने श्रेष्ठ भाग्य वा प्राप्तियों को स्मृति में रख, सहज पुरूषार्थी बन सदा श्रेष्ठ स्थिति का अनुभव करते, सर्व को शान्ति, प्रेम, खुशी बांटते सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 04-04-2019

Sakar Murli Churnings 04-04-2019

बाबा हमें राजयोग सिखाते (तो बुद्धि उनके तरफ ही रहनी चाहिए!), और हम आत्माओं को पढ़ाते (तो सदैव आत्म-अभिमानी हो रहना है)… यह अलौकिक पढ़ाई सिर्फ अभी संगम पर चलती, जिस ज्ञान से सद्गति हो हम 21 जन्म सुखी रहते… इसलिए, पतित-पावन बाप को याद करते पावन जरूर बनना, तो ज्ञान सागर का सारा ज्ञान हममें धारण हो जाएँगा, बाबा को बच्चा जरूर बनाना है… श्रीमत पर यह जो श्रेष्ठ पुरूषार्थ हम करते वह कल्प-कल्प की श्रेष्ठ नूंध बन जाती

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा श्रीमत पर मनमनाभव का मंत्र जपते, स्वराज्य अधिकारी सो विश्व राज्य अधिकारी बन जाएँ… औरों के भी दुःख दूर करते, सतयुग बनाते चले… ओम् शान्ति!

Sakar Murli Churnings 03-04-2019

Sakar Murli Churnings 03-04-2019

बाबा ने हमें इतना wonderful सृष्टि चक्र का ज्ञान दिया है, तो सदा इसका सिमरण कर हर्षित रहना है… ड्रामा accurate है, इसलिए किसी बात में मुँझना नहीं… व्यर्थ बातें वा संग से अपनी संभाल करनी है… अपनी उन्नति करते, ज्ञान-योग के आधार से मनुष्य से देवता बनते रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… यह समय बहुत कीमती कमाई का है, इसी स्मृति में रह व्यर्थ से मुक्त रूहानी कमाई जमा करते रहे, तो बहुत ही जल्द सतयुग आ जाएंगा… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं सर्व अविनाशी खजा़नों का मालिक हूँ | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

योग कमेंटरी | मैं सर्व अविनाशी खजा़नों का मालिक हूँ | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019 image

योग कमेंटरी | मैं सर्व अविनाशी खजा़नों का मालिक हूँ | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

बाबा ने मुझे… सर्व ज्ञान-गुण-शक्ति-संकल्प के खजा़नों का अधिकारी… बालक सो मालिक बना दिया है

याद और सेवा के बल से… मेरे प्रालब्ध-प्राप्तियों का… पुण्य-दुआओं का सर्वश्रेष्ठ खाता जमा हो रहा है

मैं मास्टर ज्ञान सूर्य हूँ… मुझसे चारों ओर सुख-शान्ति की शक्तिशाली किरणें फैल रही है… सबके दुःख दूर हो… वातावरण शुध्द हो रहा है

मैं श्रेष्ठ… विश्व कल्याणकारी… विश्व परिवर्तक आत्मा हूँ

मैं पद्मापद्म भाग्यशाली हूँ… सदा वाह मेरा भाग्य वाह का गीत गाते… हर श्वास-संकल्प-कर्म को सफल करता हूँ… सफलता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं सर्व अविनाशी खजा़नों का मालिक हूँ | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019’

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019 image

सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन सबको बांटना, यही है समय का इशारा | Sharing our treasures with all, the call of time! | Baba Milan Murli Churnings 02-04-2019

1. ज्ञान-गुण-शक्ति वा श्रेष्ठ संकल्पों के अखण्ड खजा़नों के दाता बाबा ने… हमें अपने नयनों में समाकर सर्व खजा़नों के अधिकारी, बालक सो मालिक बना दिया है… तो अपना जमा का खाता सदा बढ़ाते रहना है, 3 विधियौं द्वारा:

  • स्व-पुरूषार्थ से प्रालब्ध-प्राप्तियों का खाता
  • सन्तुष्ट रह सबको सन्तुष्ट करने से पुण्य का खाता
  • अथक, नि:स्वार्थ, बड़ी दिल से सेवा करने से दुआओं का खाता

2. समय का बाबा ने कई बार इशारा दिया है, इस हीरे-तुल्य संगमयुग का स्लोगन ही है ‘अब नहीं तो कब नहीं’… क्योंकि अब का आधार सारे कल्प के प्रालब्ध से है, अब ही परमात्म-पार्ट नूंधा हुआ है, जब हम परमात्म प्यार-मिलन-ज्ञान-खजा़नों के अधिकारी बनते… हम पद्मापद्म भाग्यशाली है, इसी रूहानी नशे-स्मृति में सदा रहना है ‘वाह मेरा भाग्य वाह!’, तो चेहरा सदा हर्षित रहेगा… सदा शब्द अण्डरलाइन करना है

3. बाबा हमें हर सब्जेक्ट में पास-विथ-ऑनर देखना चाहते, इसलिए तीव्र पुरूषार्थी बनना है, जिसके 2 मुख्य लक्षण हैं:

  • इस देह-भान से नष्टोमोहा बनने से, और चीजें भी सहज भूल जाती… देह-भान की निशानीयां, व्यर्थ संकल्प-समय से बचने का श्रेष्ठ साधन है हर श्वास-संकल्प-कर्म सफल करना… इस संगमयुग में तो बाबा वरदान है ही, सफलता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है
  • कल भी जाना हो, तो भी एवर-रेडी!… एवर-रेडी अर्थात ऑर्डर हो और तुरन्त मन-वचन-कर्म, सम्बन्ध-सम्पर्क में एवर-रेडी… जैसे कि दादीजी थे, स्वभाव-सम्पर्क, कर्म-सेवा, सन्तुष्ट रहनेे-करने सब में Easy!

4. प्रकृति-हलचल की छोटी-छोटी बातों के कारण यह समय नाजुक है… इसलिए आत्मिक स्वरूप, धारणा, ड्रामा के साथ-साथ कर्मों की गुह्य गति पर भी पूरा अटेन्शन रखना है, साधारण संकल्प-समय-कर्म से भी प्रालब्ध में फर्क पड़ता… और हम तो श्रेष्ठ विश्व-कल्याणकारी विश्व-परिवर्तक आत्माएं है, इन्हीं स्वमानों में स्मृति स्वरूप बनना है

5. अभी सेवा के प्लान बनाने के साथ-साथ, मुख्य आवश्यकता है… मास्टर ज्ञान सूर्य बन सबको शक्तियों की सकाश, सुख-शान्ति की किरणें दे दुःख-अशान्ति से मुक्त करना, शक्तिशाली वृत्ति से वायुमण्डल परिवर्तन करना… इस श्रेष्ठ सेवा में मन को busy रखने से सहज मायाजीत बनते, बातों को छोटी साइडसीन समझ साक्षी हो देख सकते

6. समय, बाबा, एडवांस पार्टी सब हमारा इन्तज़ार कर रहे है, मुक्ति के गेट खोलने… इसलिए मास्टर सर्वशक्तिमान बनना है, दृढ़ता से जो नहीं करना वो नहीं करना है!

7. हम सभी मधुबन के श्रृंगार डबल पुरूषार्थी है… Last सो फास्ट जाने के लिए कमाल करके दिखाना है… हिम्मत का पहला कदम उठाना है, तो बाप-परिवार की पद्मगुणा मदद मिलेंगी… मधुबन से जो सेवा का बल-फल अतिन्द्रीय सुख मिला है, वह सदा कायम रखना है… विघ्न-विनाशक बनकर

8. निर्विघ्न, निर्विकल्प, नीर-व्यर्थ जरूर बनना है… प्रदर्शनी-मेले विंग-कॉन्फ्रेंस स्नेह-मिलन से ऊपर कुछ नई invention निकालनी है, शॉर्ट & स्वीट (और सस्ती!)… बाबा को इस blog की invention के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!!

सार

तो चलिए बाबा की अगली season तक… बाबा को सच्चा शुक्रिया कहने लिए,… इस हीरे-तुल्य संगमयुग पर सर्व खजा़नों से सम्पन्न बन, मास्टर ज्ञान सूर्य बन सबको सुख-शान्ति-शक्तियां बांटते रहे … वाह मेरा भाग्य वाह! के गीत गाते सदा श्रेष्ठ स्वमानों के स्मृति स्वरूप बन ever-ready रहे… तो हम बहुत ही थोड़े समय में सतयुग स्थापन करने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!


Also read:

Thanks for reading this article on ”

Sakar Murli Churnings 02-04-2019

Sakar Murli Churnings 02-04-2019

1. हमारे बाप-टीचर-सतगुरु बाबा नें हमें सम्पूर्ण ज्ञान देकर सबसे सहज रास्ता बताया है… सबकुछ भूल सिर्फ अपने को आत्मा समझ बाबा को याद करना है, तो पावन दिव्यगुण-सम्पन्न बन जाएंगे

2. जो बाबा से ही बातें करते, बहुत सुखदाई सर्विसएबुल है, वह सदा बाबा की आंखों के सामने है, बाबा उन्हें याद करते… तो सदा श्रेष्ठ कर्म करते पदमों की कमाई जमा करते सदा हर्षित रहना है, फिर यह संस्कार सतयुग में भी कायम रहेंगा

3. माया रावण पर पूरी विजय पानी है, बीमारी-परिस्थितियां के अन्तिम हिसाब-किताब से घबराना नहीं है… हमें तो रूहानी नशे में रहना है, कि बाबा हमें अपना बनाकर शान्तिधाम-सुखधम के लायक बना रहे हैं

सार

तो चलिए आज सारा दिन… जबकि बाबा हमें सदा हर्षित देखना चाहते, तो ऎसा ऊंच ज्ञान-योग का अभ्यास करे, कि हमारी खुशी कभी न जाई … इससे हमारी स्थिति भी श्रेष्ठ रहेंगी, औरों को भी लाभ होता रहेंगा, और हम साथ में सतयुग बनाने के निमित्त बन जाएंगे… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं नये विश्व की तकदीर हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

योग कमेंटरी | मैं नये विश्व की तकदीर हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

मैं नये विश्व की तकदीर… विश्व का आधार-मूर्त… विश्व राज्य अधिकारी आत्मा हूँ

मेरे श्रेष्ठ राजयोगी जीवन से… सारा विश्व सुख-शान्ति सम्पन बनता… मेरे योग से सारा विश्व पावन बनता… मेरी श्रीमत-पालना से नये विश्व का विधान बन रहा है

मैं पवित्रता की लाइट का ताजधारी… बाबा के दिल-तख्त-नशीन… स्वराज्य का तीलकधारी हूँ… मेरे हाथो में स्वराज्य का गोला है

मैं सदा सन्तुष्ट… प्रसन्न-चित्त… प्रसन्नता-स्वरूप हूँ

मेरी सन्तुष्टता, सारे विश्व को सन्तुष्ट करती… यही जिम्मेवारी, उन्नति का साधन है… बाबा मेरे साथ है… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं नये विश्व की तकदीर हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019’

Sakar Murli Churnings 01-04-2019

Sakar Murli Churnings 01-04-2019

1. पारलौकिक बाबा ने हमें सम्पूर्ण सत्य ज्ञान दिया है कैसे अब मुक्तिधाम जाना है, इसके लिए बाबा को याद कर पवित्र बनना है… साथ में दिव्यगुण भी धारण करने है, औरों को समझाने से साथ खुद भी पक्का रहना है, तो पवित्रता-सुख-शान्ति सम्पन्न गोरा नैचुरल beauty वाले बन जाएँगे

2. हम त्रिमूर्ति शिवबाबा के सम्मुख है जो ब्रह्मा द्वारा नई दुनिया को स्थापना कर… हम सर्वश्रेष्ठ ब्राह्मण कुल है, जो विजयी बनते हैं, इसी नशे में रहना है

सार

तो चलिए आज सारा दिन… बाबा ने हमें कितना ऊंच बनाया है, इसी नशे और खुशी द्वारा श्रेष्ठ ज्ञान-योग का पुरूषार्थ करते रहे… तो इस स्व-परिवर्तन से सहज विश्व-परिवर्तन हो, सतयुग स्थापन हो जाएँगा… ओम् शान्ति!

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019 image

योग कमेंटरी | मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

मैं श्रेष्ठ आत्मा हूँ… अपनी सर्व-शक्तियों को श्रेष्ठ कार्य… विश्व कल्याण में लगाता

मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ… सदा निर्बंधन, स्वतन्त्र, हल्का… बेफिक्र बादशाह हूँ

मैं समर्थ बाप की सन्तान… समर्थ आत्मा हूँ… उड़ती कला का अनुभवी… सदा शान्ति, प्रेम, आनंद से भरपूर हूँ

मैं विजयी आत्मा हूँ… सदा बाबा को साथ रख… सबको बाबा का साथी बनाता… अपने वरदानी स्वरूप… संतोषी-मूर्त द्वारा

श्रीमत के कदम पर कदम रखते… सदा मेहनत से मुक्त… सफलता-स्वरूप हूँ… ओम् शान्ति!


और योग कमेंटरी:

Thanks for reading this meditation commentary on ‘मैं श्रेष्ठ आत्मा (कुमार) हूँ | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019’

हम हैं पद्मपद्म भाग्यशाली, विश्व की तकदीर | Creating the illustrious fortune of the world | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

हम है पद्मपद्म भाग्यशाली, विश्व की तकदीर आत्माएं | Creating the illustrious fortune of the world | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019 image

हम हैं पद्मपद्म भाग्यशाली, नये विश्व की तकदीर | Creating the illustrious fortune of the world | Avyakt Murli Churnings 31-03-2019

हम सारे विश्व की तकदीर है, सारे विश्व के आधार-मूर्त, हमारे श्रेष्ठ सहज राजयोगी जीवन से सारा विश्व सुख-शान्ति-सम्पन्न बन जाता… हम श्रीमत पर जो योग करते, उससे सारा विश्व परिवर्तन हो नये विश्व का विधान बन जाता, इसलिए आज तक सभी भगवान्-देवताओं की कसम उठाते, उन्हों के सामने सच बताते… बाबा ने हमें ऎसा वरदानी सन्तुष्टता-मूर्त, सर्व प्राप्ति स्वरूप बना दिया है

हम कौन है?

  • पवित्रता की लाइट के ताजधारी
  • हमारे हाथ में स्वराज्य का गोला रूपी मक्खन है
  • बाबा के दिल-तख्त-नशीन
  • स्वराज्य के तीलकधारी
  • हम महान आत्माएं हैं, हमारे हर कदम-संकल्प-कर्म से विश्व का विधान बनता

तो सदा रूहानी नशे में रहना है, हम यदि सन्तुष्ट रहते तो सारा विश्व सन्तुष्ट बन जाता .. यह जिम्मेवारी सदा उन्नति कराती, और बहुत सहज भी है क्योंकि बाबा हमारे साथ है

हम आत्माएं (कुमार) कैसे है?

1. श्रेष्ठ आत्माएं अर्थात तन-मन की सारी शक्तियां श्रेष्ठ कार्य अर्थात विश्व कल्याण में लगाने वाली… सदा व्यर्थ से मुक्त रह, हर कदम पद्मों की कमाई जमा करने वाले, श्रेष्ठ प्राप्ति के अधिकारी है

2. शक्तिशाली आत्माएं अर्थात जो चाहे कर सकती, एसी अवस्था में बाबा मिलना सबसे श्रेष्ठ भाग्य है… हमारा साथी कुछ नहीं लेता, और सदा अविनाशी सहयोग देते रहता, जब भी याद करते… हम निर्बंधन स्वतन्त्र सेफ बेफिक्र हल्के है, सदा ऎसे श्रेष्ठ रहना है

3. हम समर्थ बाप की सन्तान समर्थ आत्मा, समर्थ कार्य करने वाली है, हमारे संकल्प बोल वा कर्म सब समर्थ है… इसलिए सदा उड़ती कला के अनुभवी है, बाबा की टचिंग द्वारा एक सेकण्ड में सफलता-स्वरूप बनने वाले हैं… व्यर्थ सेे सम्पूर्ण मुुक्त, डबल लाइट, सदा ऊपर रहने वाले

4. हम माया से युद्ध करने के बजाए कमाल करने वाले अर्थात सदा बाबा को साथ रख सब को बाबा का साथी बनाने वाले… अपने वरदानी-स्वरूप द्वारा शुभ भावना देते, सब को अचल बनाते

5. सदा बाबा साथ रखने से विजयी सफलता-रूप रहते अर्थात मेहनत कम, प्राप्ति ज्यादा रहती… ज्यादा सोचने के बजाए, श्रीमत पर कदम पे कदम रखकर सदा मंज़िल पर सहज पहुंचने वाले

सार

तो चलिए आज सारा दिन… सदा बाबा को साथ रख समर्थ बन, उड़ती कला के अनुभवी अर्थात सदा शान्ति प्रेम आनंद से भरपूर रहे… सब को बाबा का साथी बनाने की श्रेष्ठ सेवा करते, सारे विश्व की तकदीर बदलकर सतयुग स्थापन कर ले… ओम् शान्ति!